बस्ती में पांच साल में नहीं हुई डेंगू से कोई मौत

समय से मरीज का इलाज शुरू होने पर इलाज से लाभ हो जा रहा है

Update: 2024-05-29 04:36 GMT

बस्ती: महानगरों में कहर मचाने वाले डेंगू रोग से जिले में पिछले पांच साल में कोई मौत नहीं हुई है. मरीज इलाज से ठीक हो जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग इसे एक बड़ी उपलब्धि मान रहा है. डीएमओ आइए अंसारी का कहना है कि हाईग्रेड फीवर वाले मरीजों की छह तरह की जांच कराई जाती है, जिसमें डेंगू भी शामिल है. जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में अलॉयजा जांच की सुविधा उपलब्ध है. इसी के साथ सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेज में इलाज की सुविधा मिल रही है. समय से मरीज का इलाज शुरू होने पर इलाज से लाभ हो जा रहा है.

डेंगू रोग एक विशेष प्रकार के एडीज मच्छर के काटने से होता है. यह मच्छर दिन के समय काटता है तथा रुके हुए साफ पानी में पनपता है. आमतौर से यह घरों में ऐसी जगहों पर पैदा होते हैं, जहां पानी ज्यादा दिनों तक जमा रहता है. मच्छर से बचाव कर रोग को नियंत्रित किया जा सकता है. सीएचसी पर रैपिड डॉयग्नोस्टिक किट से जांच की जाती है. हाईग्रेड फीवर वाले मरीजों के लिए बेड आरक्षित किया गया है. जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में अलॉयजा जांच कर रोग को कंफर्म किया जाता है. मेडिकल कॉलेज में गम्भीर रोगियों को प्लेटलेट्स चढ़ाए जाने की सुविधा है.

इलाज से ठीक हो जाते हैं डेंगू के सामान्य मरीज: बस्ती. मेडिकल कॉलेज के फिजीशियन डॉ. बीएल कन्नौजिया का कहना है कि अगर कोई डेंगू रोगी सामान्य दिख रहा है और उसकी प्लेटलेटस हजार तक पहुंच गई है तो उसे दवा से ठीक किया जा सकता है. प्लेटलेटस इसके नीचे आने पर भर्ती करना पड़ता है. इसी के साथ अगर मरीज को उल्टी-दस्त व शरीर से खून के रिसाव की शिकायत है तो 50 हजार तक प्लेटलेटस पहुंचने पर भर्ती कर इलाज किया जाता है. बरसात के समय डेंगू के मरीज बढ़ जाते हैं. भर्ती मरीज को अस्पताल से ही प्लेटलेट्स चढ़ाया जाता है.

इन बातों का रखा जाना चाहिए ख्याल: घर की अनुपयोगी सामग्री में पानी जमा न होने दें, पानी जमा होने वाले बर्तनों, कूलर को सप्ताह में एक बार जरूर खाली कर सुखा दें, पानी के बर्तन व टंकियों को ढककर रखें, हैंडपंप के आस-पास पानी जमा न होने दें, पानी भरे रहने वाले स्थानों पर मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन का तेल डालें, दिन के समय से ही शरीर को ढके रहने वाले कपड़ों का प्रयोग करें.

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