लखनऊ न्यूज़: हजरतगंज वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट हादसे में आवंटियों को मुआवजा मिलने की उम्मीद कम हो गई है. मुख्यमंत्री की ओर से इस मामले में कमिश्नर की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई थी. कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में मुआवजे के लिए कोई संस्तुति की नहीं गई. साथ ही कमिश्नर ने स्पष्ट कर दिया है कि अवैध इमारतों से जुड़ी दुर्घटना के लिए एलडीए जिम्मेदार नहीं है. न ही कोई मुआवजा बनता है. रिपोर्ट में दोषियों पर कार्रवाई के लिए संस्तुति जरूर की गई है.
कमिश्नर की जांच रिपोर्ट होली के दिन यानी आठ मार्च को शासन को सौंपी गई थी. इस रिपोर्ट में पीडब्ल्यूडी की ओर से की गई जांच को प्रमुखता दी गई है. अलाया अपार्टमेंट इसी साल 24 जनवरी की शाम सवा छह बजे अचानक भरभरा कर गिर गया था. इस हादसे में तीन महिलाओं की मौत हो गई. कई आवंटी घायल हुए जिनका अब तक इलाज चल रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूचना मिलते कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी थी. इसमें उनके अलावा संयुक्त पुलिस आयुक्त और पीडब्ल्यूडी मुख्य अभियंता को रखा गया.
अफसरों पर सवाल: लखनऊ विकास प्राधिकरण से मांगे गए रिकॉर्ड का भी रिपोर्ट में जिक्र है. इसमें बिल्डिंग के निर्माण से हादसे तक तैनात इंजीनियरों और प्रवर्तन दल के अधिकारियों के नाम शामिल हैं. अलाया का मानचित्र और कंपाउंडिंग मैप फाइल प्राधिकरण में नहीं मिली. एलडीए के 10 से अधिक इंजीनियर, अफसर-बाबुओं पर कार्रवाई की तलवार रिपोर्ट के बाद लटकने लगी है.