राली चौहान में कांवड़ियों की मौत पर अभियंताओं पर अभी तक कोई एक्शन नही

दोषी अफसरों पर अब तक कार्रवाई नहीं

Update: 2023-08-13 05:01 GMT

मेरठ: गत 15 जुलाई की शिवरात्रि थी, उसी दिन राली चौहान में छह कांवड़ियों की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई थी। पूरे गांव में शौक की लहर दौड़ गयी थी। आक्रोशित लोगों ने जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था। मेरठ से लेकर लखनऊ तक इसकी गंूज गई थी, लेकिन उसी दिन ऊर्जा निगम की एमडी चैत्रा वी ने अभियंताओं को क्लीन चिट दी थी, लेकिन डीएम के आदेश पर जो जांच हुई, उसमें कमेटी की रिपोर्ट में अभियंताओं को पूरी तरह से कांवड़ियों की मौत का जिम्मेदार माना गया था।

ये जांच रिपोर्ट 28 जुलाई को कमिश्नर को भेजी दी गई थी, लेकिन अभी तक दोषी अभियंताओं पर कार्रवाई करते हुए आखिर अफसरों के हाथ क्यों कांप रहे हैं? छह शिवभक्तों की अभियंताओं की लापरवाही से जान चली गई। इस बात का खुलासा जांच कमेटी ने भी किया हैं, फिर कैसे अभियंताओं को अभयदान दिया जा रहा हैं। आखिर इसके लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने से क्यों बचा जा रहा हैं। इसमें फिर से ग्रामीण कोई बवाल खड़ा कर देंगे, जिसके बाद ही प्रशासन की नींद टूटेगी।

शिवभक्त कांवड़िये हिमांशु, प्रशांत, लक्ष्य, महेन्द्र, मनीष और लख्मी की करंट लगने से मौत हो गई थी। एक साथ छह शिवभक्तों की मौत से पूरा गांव सहम गया था। एसपी ट्रैफिक, एडीएम सिटी समेत कई अधिकारियों की पांच सदस्य कमेटी बनी थी। कमेटी की रिपोर्ट कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे. को भेजी गई थी। इसके बाद भी दोषी अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही हैं। मौके पर तार जमीन पर झूल रहे हैं। इस तथ्य को जांच कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में लिखा हैं, फिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही हैं।

कानपुर में बिजली के एक खंभे में करंट उतर गया था, जिसके बाद एक छात्रा को करंट लगा और मौत हो गयी। इसके बाद बड़ा बवाल हो गया था। कानपुर की इस घटना में अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई कर दी गई, लेकिन मेरठ में इतना बड़ा छह लोगों की करंट लगने से मौत हुई, फिर भी कार्रवाई को क्यों लटकाया जा रहा हैं। इसके लिए जिम्मेदारों को बचाने की कवायद क्यों की जा रही हैं, जिसमें अभियंताओं को खुली छूट दी जा रही हैं। डीएम दीपक मीणा ने भी माना है कि अभियंताओं की लापरवाही से छह शिवभक्त कांवड़ियों की जान गई हैं।

इसी वजह से मुआवजा भी मृतक शिवभक्तों के परिजनों को दिया गया हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी पीड़ित परिवारों से मिले थे और मुआवजा देने का ऐलान भी किया था। सपा ने पीड़ितों को चेक भी दे दिये हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि अभियंताओं पर गाज क्यों नहीं गिराई जा रही हैं। अभियंता जैसे पहले काम कर रहे थे, ठीक वैसे ही वर्ततान में भी काम कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि लखनऊ स्तर से कार्रवाई का इंतजार ऊर्जा निगम के अफसर कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि जांच कमेटी ने जो जांच रिपोर्ट तैयार की थी, वो लखनऊ भेज दी हैं। उसी जांच को आधार बनाते हुए अभियंताओं पर कार्रवाई होगी, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि कार्रवाई कब तक?

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