मेरठ: सिविल लाइन क्षेत्र विजय नगर में सर्राफ के घर डकैती डालने की योजना किसी गैर ने नहीं उनकी अपनी भतीजी ने रची थी। क्राइम ब्रांच ने घटना का खुलासा करते हुए भतीजी व उसकी बेटी सहित दो अन्य बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। बदमाशों के पास से हथियार कारतूस बरामद हुए हैं।
पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी क्राइम अनित कुमार ने बताया कि 15 जनवरी की शाम विजय नगर कालोनी निवासी सर्राफ विजयवीर रस्तोगी के घर डकैती डालने का प्रयास करने की घटना में मां बेटी और दो अन्य बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। डकैती की योजना किसी गैर ने नहीं बल्कि सर्राफ विजयवीर की भतीजी शीशमहल निवासी भावना रस्तोगी और उसकी बेटी वंशिका रस्तोगी ने रची थी।
वंशिका रस्तोगी ने ही अपने ब्वायफे्रं ड से विवेक बिष्ट निवासी जिगर कालोनी थाना नागफनी मुरादाबाद व मोहित सैनी निवासी बंगला गांव थाना नागफनी मुरादाबाद से मिलकर डकैती डालने की योजना बनाई थी। जिसमें विवेक ने अपने साथी गांव अलीपुर परीक्षितगढ़ निवासी आयुश त्यागी उर्फ शिवांग पुत्र स्व अनिल त्यागी को भी शामिल किया था। सभी मिलकर 15 जनवरी की शाम को विजय नगर सर्राफ विजयवीर रस्तोगी के घर पहुंचे थे।
जिसमें सर्राफ की भतीजी भावना रस्तोगी ने डोर बैल बजाई थी। उसके साथ खड़े तीन बदमाश विवेक, मोहित व आयुश त्यागी ने सर्राफ की पुत्रवधू आकांक्षा पर हथियार तानकर घर में घुसने का प्रयास किया था। वंशिका भी थोड़ा दूर पर खड़ी थी, लेकिन संयोगवश घर के पालतू डॉग जिन्नी ने बदमाशों पर भौंकते हुए हमला कर दिया था। जिसके चलते बदमाश उल्टे पैर भाग खड़े हुए थे। विजयवीर आरएसएस में संघ चालक थे।
उनकी शहर सराफा बाजार में ज्वेलरी शॉप है। एसपी क्राइम अनित कुमार ने बताया कि भावना रस्तोगी विजयवीर की चचेरी भतीजी है। उसका डायवर्स हो गया था। वह वर्तमान में जिम ट्रेनर है। घरों में ट्रेनिंग देती है। वह अपनी बेटी वंशिका के साथ अलग रहती है।
भावना और उसकी बेटी व अन्य बदमाश अपराधिक घटना करके मोटा धन एकत्र करना चाहते थे। जिसके लिए भावना ने अपने चाचा सर्राफ विजयवीर के घर में डकैती डालने की योजना बनाते हुए विवेक व मोहित और आयुष को साथ मिलाया और डकैती डालने का प्रयास किया था। पुलिस ने विवेक बिष्ट और मोहित सैनी से दो तमंचे और कारतूस बरामद किये हैं। वहीं इनका एक साथी आयुष त्यागी फरार है।
एसपी क्राइम के निर्देशन में एसओजी प्रभारी लोकेश अग्निहोत्री ने अपनी टीम के साथ चार दिन में घटना खुलासा करते हुए बड़ी कामयाबी हासिल की है। एसओजी पकड़े गये बदमाशों से अन्य घटनाओं के बारे में पूछताछ में जुटी है। सर्राफ अंकित रस्तोगी ने बताया कि भावना रस्तोगी को आकांक्षा नहीं पहचानती थी। आकांक्षा ने ही दरवाजा खोला था, लेकिन उसे मैं और मेरी पत्नी पहचानते थे। हमारा उससे कोई संबंध नहीं है।