जनता से रिश्ता : कानपुर के बिकरू कांड में जांचों का सिलसिला खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस मामले में पूर्व डीआईजी अनंत देव तिवारी को भी दोषी बनाया गया था। इसकी जांच लखनऊ के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को सौंपी गई थी। अधिकारी ने उन्हें क्लीनचिट दे दी। इसी मामले को लेकर एडवोकेट सौरभ भदौरिया ने कार्मिक, लोक शिकायक और पेंशन मंत्रालय में शिकायत दर्ज कराई थी। मंत्रालय की तरफ से मुख्य सचिव और ज्वाइंट सेक्रेटरी को जांच सौंपी गई है।
एडवोकेट सौरभ भदौरिया के मुताबिक पूर्व डीआईजी अनंत देव तिवारी को बिकरू कांड के बाद लापरवाही का दोषी माना गया था। उन्हें इस मामले में निलम्बित भी किया गया और जांच भी कराई गई। जो कि लखनऊ में अधिकारी द्वारा की जा रही थी। एडवोकेट के मुताबिक अधिकारी ने उन्हें क्लीन चिट दे दी। जिसकी शिकायत केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायक और पेंशन मंत्रालय में दर्ज कराई गई थी। इस पर 8 जून को मंत्रालय के सचिव सूर्य प्रकाश ने मुख्य सचिव और सीआईसी की ज्वाइंट सेक्रेटरी सहेली घोष को जांच सौंपी है। मंत्रालय ने उन्हें 45 दिनों का समय दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि अगर 45 दिनों से ज्यादा समय लगता है तो वह जवाब देंगे कि समय ज्यादा क्यों और किन कारणों से लगा।
सोर्स-hindustan