दिसंबर में गोरखपुर में नया रिसर्च सेंटर होगा शुरू
विकास की सौगात लेकर निकले पीएम नरेंद्र मोदी की पूर्वांचल से पिछले महीने शुरू हुई यूपी यात्रा पश्चिम में नोएडा में जाकर खत्म हुई.
गोरखपुर. विकास की सौगात लेकर निकले पीएम नरेंद्र मोदी की पूर्वांचल से पिछले महीने शुरू हुई यूपी यात्रा पश्चिम में नोएडा में जाकर खत्म हुई. अब दूसरे राउंड में एक बार फिर से पूर्वांचल से मोदी की यूपी यात्रा शुरू होने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 7 दिसम्बर का गोरखपुर दौरा प्रस्तावित है. इस दिन मोदी पूर्वांचल पर तोहफों की बरसात करेंगे, फर्टीलाइजर, एम्स के साथ साथ बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बने आरएमआरसी के नये भवन का लोकार्पण करेंगे. आगरा के बाद गोरखपुर में बना ये रिसर्च सेंटर प्रदेश का दूसरा अत्याधुनिक रिसर्च सेंटर है. इसका फायदा पूर्वांचल के साथ साथ मध्य उत्तर प्रदेश और पश्चिम बिहार के लोगों को होगा. साथ ही पड़ोसी राज्य नेपाल के तराई बेल्ट के लोग भी इससे लाभांवित होंगे.
इंसेफ्लाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से चार दशकों में हजारों बच्चे मौत के मुंह में समा गए. बीमारी के कारण को जानने और उस पर रिसर्च करने का कोई साधन मौजूद नहीं था. गोरखपुर में इंसेफ्लाइटिस के खात्मे को लेकर तत्कालीन गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ लड़ाई लड़ते रहे. उन्हें सफलता तब मिली जब केन्द्र में मोदी सरकार आई और प्रदेश में उनके नेतृत्व में सरकार बन गई. इंसेफ्लाइटिस सहित जल जनित रोगों के खात्मे के लिए चरणवद्ध तरीके से काम शुरू हुआ, इसी कड़ी में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) को अस्थाई बिल्डिंग में खोल दिया गया और नई बिल्डिंग बनाने का काम तेजी से शुरू हुआ.
7 दिसम्बर को लोकार्पण
अब नई बिल्डिंग बनकर तैयार है. प्रधानमंत्री मोदी के 7 दिसम्बर के संभावित दौरे के दिन इसका लोकार्पण होगा. मुख्य भवन में आरएमआरसी की नौ लैब बनी हैं. इन लैब्स में जीन मैपिंग से लेकर वायरस और बैक्टीरिया सहित वैक्सीन पर भी शोध हो सकेगा. आरएमआरसी के सीनियर वैज्ञानिक डॉक्टर अशोक पान्डेय का कहना है इन लैब्स से मच्छर जनित जितने रोग हैं उस पर रिसर्च तो होगा. साथ ही जीन मैपिंग से लेकर वायरस और बैक्टीरिया पर भी शोध होगा. इतना ही नहीं यहां रोगों के पहचान के बाद वैक्सीन पर भी शोध किया जाएगा.
लेवल थ्री मानक वाली मोबाइल वैन
यूपी में आगरा के बाद गोरखपुर में दूसरा लैब है. इसी के साथ आरएमआरसी को प्रदेश की पहली सचल बीएसएल थ्री लैब भी मिलने जा रही है. इस लैब का फायदा, पूर्वांचल के साथ साथ पश्चिम बिहार के लोगों को होगा. इस क्षेत्र में अब किसी भी महामारी के फैलने पर फौरन ही कारणों की पहचान शुरू हो जाएगी. इसके लिए जांच टीम मौके पर जाएगी. आरएमआरसी को बायोसेफ्टी लेवल थ्री के मानक वाली मोबाइल वैन मिलने जा रही है. इस वैन में सेंपल कलेक्शन से लेकर जाचं रिपोर्ट तक की सभी सुविधाएं होंगी. वैन में रिसर्चर, वैज्ञानिक, तकनीशियन और सपोर्ट स्टाफ भी रहेगा. यह देश की अपनी तरह की पहली वैन होगी जो मौके पर जाकर जांच करेगी और वहीं पर रिपोर्ट भी दी जा सकेगी. इस वैन में आरटीपीसीआर मशीन के साथ साथ टीबी व अन्य दूसरे बैक्टीरिया की जांच के लिए सीबीनेट भी रहेगा. साथ ही इसमें एलाइजा की जांच हो सकेगी. इसके अलावा इसमें आरएनए एक्सट्रेक्टर व एडवांस जांच की मशीने भी रहेंगी.
महामारी के समय अत्यंत उपयोगी
इंसेफ्लाइटिस पर लंबे समय तक काम करने वाले बाल रोग विशेयज्ञ डॉक्टर आरएन सिंह का कहना है आरएमआरसी का अत्याधुनिक लैब किसी वरदान से कम नही है. पूर्वांचल में इसकी मांग लम्बे समय से की जा रही थी, जो सीएम योगी और पीएम मोदी ने पूरा किया. इस लैब से अब हजारों बच्चों की जान बचाई जा सकती है. साथ ही किसी भी महामारी के वक्त ये लैब बहुत काम आएगी. गरीब और पिछड़े इलाकों के लिए ये लैब किसी वरदान से कम नहीं. इस लैब के चालू हो जाने से यहां पर न सिर्फ रोग के कारण को जानने में मदद मिलेगी बल्कि उसके उपचार के साथ साथ वैक्सीन बनाने में भी काम हो सकेगा.