होम्योपैथी अनुसंधान में नई दिशाओं पर चर्चा हुई

Update: 2023-07-05 12:18 GMT

नोएडा न्यूज़: बैक्सन होम्योपैथी कॉलेज में होम्योपैथी का राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ. इसमें जनस्वास्थ्य पहल, होम्योपैथी अनुसंधान में नई दिशाएं, बालरोग में नई दिशाएं आदि विषयों पर चर्चा हुई.

ग्लोबल होम्योपैथी फाउंडेशन और विज्ञान भारती की ओर से आयोजित सम्मेलन की थीम सम्पूर्ण आरोग्यम रहा. इसका उद्देश्य सुरक्षित स्वास्थ्य देखभाल के समाधान ढूंढ़ने और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में होम्योपैथी की शक्ति को मजबूत करना है. सम्मेलन में डॉ. कृपाल सिंह बक्शी, डॉ. केजी सक्सेना, डॉ. जुगल किशोर, डॉ. दीवान हरिशचंद्र को सम्मानित किया गया. वक्ताओं ने जनस्वास्थ्य पहलुओं, जीवाणु संक्रमण प्रतिरोध और स्वास्थ्य देखभाल में नई दिशाओं पर अपनी बात रखी. इसमें होम्योपैथिक शिक्षा और नई चुनौतियों पर फोकस किया गया. सम्मेलन में आयुष मंत्रालय के सलाहकार (होम्योपैथी) डॉ. संगीता दुग्गल, डॉ. राज कुमार मनचंदा, डॉ. सुभाष कौशिक आदि मौजूद रहे.

छात्रों की संस्कृति जानने में रूचि बढ़ी

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान में छात्रों की संस्कृति और विरासत जानने में रुचि बढ़ी है. पिछले पांच सालों में 10वीं और 12वीं में 66 हजार छात्रों ने इनको चुना है.

एनआईओएस की चेयरपर्सन प्रो. सरोज शर्मा ने बताया कि वर्ष 2015 में 929 अभ्यर्थियों ने इस विषय को 10वीं और 12वीं में लिया था, जबकि अब यह आंकड़ा 16 हजार से ऊपर तक पहुंच गया है. वर्ष 2017 के बाद इसमें वृद्धि दिखी है. 2022 में 12,229 छात्रों ने इसको लिया है. वर्ष 2022 में एनआईओएस के 24 सेंटरों में सबसे ज्यादा देहरादून के 2406 छात्रों ने भारतीय संस्कृति और विरासत को चुना, जबकि दिल्ली और नोएडा के 1394 छात्रों ने इसको चुना है.

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