लखनऊ। अभद्रता करने से रोकने पर पड़ोसियों ने बीच रास्ते रोककर गर्भवती महिला को बुरी तरह पीटा और अभद्रता करते हुए उसके पेट पर लात मार दी। जिसके कारण डेढ़ माह के गर्भ का गर्भपात हो गया। घटना 16 दिन पूर्व सरोजनी नगर कोतवाली क्षेत्र के जनकपुरी कॉलोनी की है। मामले को लेकर पीड़िता बीते 15 दिनों थाना और अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट रही है। पर अबतक पीड़िता की प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की गई है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि आरोपियों के पक्ष में किसी बीजेपी नेता के दबाव के कारण पुलिस मामला दर्ज नहीं कर रही है।
लिखित शिकायत में जनकपुरी निवासी प्रियंका पाण्डेय ने बताया कि पड़ोस में रहने वाला हंसराम पाल आए दिन छोटी-छोटी बातों को लेकर घर के सामने आकर गाली-गलौज करता रहता था। जिसके कारण दोनों परिवारों के बीच आए दिन विवाद होता रहता था। इसे लेकर कई बार पीड़िता की ओर से थाने में शिकायत की गई, पर पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रियंका ने बताया कि थाने से शिकायत करने के बाद आरोपियों द्वारा डराया-धमकाया जाता था।
प्रियंका ने बताया कि वह डेढ़ माह के गर्भ से थी। गत 15 मार्च को वह अपनी बेटी के साथ बाजार जा रही थी, तभी हंसराम पाल, उसके ससुर विश्वनाथ पाल, साले विपिन पाल और विकास पाल ने बीच रास्ते में उन्हें रोक लिया और बेटी से अभद्रता करने लगे। जब प्रियंका ने विरोध किया तो आरोपी मारपीट करने लगे और पीड़िता के पेट पर लात मार दी। प्रसव पीड़ा से छटपटाते हुए पीड़िता जमीन पर बेसुध होकर गिर पड़ी तो आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से फरार हो गये। पीड़िता अस्पताल पहुंची तो पता चला कि उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई है। प्रियंका ने बताया कि घटना के बाद उसने सरोजनी नगर पुलिस को कई बार लिखित शिकायत की, पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। मेडिकल टेस्ट तक नहीं कराया गया। अंतत: उसने एसीपी कृष्णा नगर के कार्यालय में गत 22 मार्च को लिखित शिकायत की। पर मामले में आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कृष्णा नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक संतोष कुमार आर्य ने बताया कि लिखित शिकायत के आधार पर पीड़िता की बेटी से भी पूछताछ की गई थी, पर उसने घटना से साफ इनकार कर दिया। वहीं पीड़िता ने भी मेडिकल टेस्ट कराने से इनकार कर दिया। कई बार बुलाने के बाद भी पीड़िता कोतवाली में नहीं आई।
इंस्पेक्टर संतोष आर्य ने बताया कि पीड़िता की ओर से लिखित शिकायत में जिन लोगों पर नामजद आरोप लगाया गया है। वे शहर में हैं ही नहीं। सर्विलांस टीम की मदद से लोकेशन ट्रेस की गई तो किसी की लोकेशन जम्मू तो किसी की गुजरात में मिली है। पूरा मामला संदेहास्पद है। इंस्पेक्टर संतोष आर्य ने बताया कि एसीपी कार्यालय से भी जांच के लिए कोई आदेश पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।