एनसीआरटीसी ने 760 मीटर लम्बी रैपिड की पहली सुरंग का मेरठ को दिया दीपावली का तोहफा
मेरठ न्यूज़: दिवाली से पूर्व ही मेरठ शहर के लोगों को दीवाली का तोहफा मिल गया। एनसीआरटीसी ने रैपिड की पहली सुरंग की खुदाई सफलतापूर्वक पूरी कर ली। शनिवार को मेरठ मण्डल की कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे., डीएम दीपक मीणा व एनसीआरटीसी के एमडी विनय कुमार सिंह ने बटन दबाकर पहली टनल का ब्रेकथ्रू किया। इस अवसर पर एसएसपी रोहित सिंह सजवाण भी मौजूद रहे। शनिवार को रैपिड एंव मेट्रो के बेगमपुल स्टेशन पर एनसीआरटीसी ने समारोह आयोजित कर जश्न मनाया। सबसे पहले रैपिड अधिकारियों ने एक प्रजेंटेशन के माध्यम से रैपिड का सफर नामा दर्शाया। इसके बाद रैपिड एवं मेरठ प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बटन दबाकर सुरंग की खुदाई पूरी करवाई।
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर के कॉरिडोर पर यह ट्रेन वैसे तो अपने निर्धारित समय से दौड़ेगी ही, लेकिन जिस प्रकार से तमाम इंजीनियर्स एवं अन्य कर्मचारी कार्य कर रहे हैं उससे संभव है कि मेरठ में रैपिड निर्धारित समय से छह माह पूर्व ही दौड़ पड़े। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वो सही समय की जानकारी अब से एक साल बाद ही काम की रफ्तार के आधार पर बता पाएंगे। एमडी विनय कुमार सिंह के अनुसार पूरी ट्रेन भारत में ही निर्मित की जा रही है। उन्होंने बताया कि गुजरात के सांवली स्थित कारखाने में यह ट्रेनें 'मेक इन इंडिया' पर आधारित पद्धति पर बनाई जा रही हैं, लेकिन इन रेलोेें के संचालन का पूरा सिस्टम जापान के हाथों में होगा। रैपिड का पूरा आपरेशनल सिस्टम जापानी आपरेटर ही आपरेट करेंगे और इसके लिए आॅपरेटर का भी चयन किया जा चुका है। इस पूरे प्रोजेक्ट में जिन महारथी टेक्नीकल इंजीनियरों का योगदान है। उनके नामों पर बाकायदा तालियां बजवाई गर्इं। इस टीम में उमा शंकर विराट, दिनेश शर्मा, अंकित सिंह, पी कमल सिंह, डेविड फिनामोए, आलोक चंद तिवारी, अनुपम कुमार, शेखर सतीश एवं अक्षय कुमार के नाम प्रमुख हैं। एनसीआरटीसी अधिकारियोें के अनुसार रैपिड के शुरू होते ही एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के परिवहन क्षेत्र में एक नई क्रांति का दौर शुरू होगा। इन अधिकारियों के अनुसार रैपिड के शुरू होते ही इस क्षेत्र के प्रदूषण पर भी लगाम लगेगी तथा लोग एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ट्रेवल कर सकेंगे।
कमिश्नर ने देखी प्रदर्शनी, काम को सराहा
बेगमपुल स्टेशन पर लगाई गई प्रदर्शनी को कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे ने देखा और सराहा। एनसीआरटीसी के एमडी विनय कुमार सिंह ने कमिश्नर को प्रदर्शनी का अवलोकन कराया। कमिश्नर ने एनसीआरटीसी के इंजीनियरों के काम की तारीफ की और उन्हे सराहा। इस दौरान जिलाधिकारी दीपक मीणा भी मौजूद थे। गांधी बाग से लेकर बेगमपुल तक के 760 मीटर लम्बे रास्ते पर टनल खुदाई का काम चार माह में पूरा किया गया है। बताते चलें कि टनल बोरिंग मशीन सुदर्शन (8.3) को अब से चार माह पूर्व गांधी पार्क में निर्मित लॉन्चिंग शाफ्ट मे लॉच किया गया था और शनिवार को चार महीने बाद इसे बेगमपुल स्टेशन पर रीट्रीव किया गया।
लॉन्चिंग शाफ्ट पर वापस जाएगी टीबीएम 'सुदर्शन'
शनिवार को बेगमपुल स्टेशन पर रीट्रीव किए जाने के बाद इस सुर्दशन मशीन को वापस गांधी बाग स्थित लॉन्चिंग शाफ्ट में पुन: लॉच किया जाएगा। पीआरओ पुनीत वत्स ने बताया कि यह टनलिंग का फर्स्ट ड्राइव था। अब यही टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) समानान्तर टनल का निर्माण भी करेगी। उन्होंने बताया कि टीबीएम को शाफ्ट में ही डिस्मेंटल किया जाएगा तथा इसके कटर हेड और शील्ड को ट्रेलरों पर लादकर गांधी बाग स्थित लॉन्चिंग शाफ्ट में वापस ले जाया जाएगा जबकि बैकअप गैन्ट्री या टीबीएम के अन्य हिस्सों को टनल के रास्ते ही वापस ले जाया जाएगा और इसे समानान्तर टनल के लिए फिर से लॉच किया जाएगा।
एमडी ने माना मेरठ में रैपिड का काम एक चैलेंज
एनसीआरटीसी के एमडी विनय कुमार सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए यह माना कि मेरठ से पुराने एवं एतिहासिक शहर में रैपिड का काम किसी बड़े चेलेंज से कम नहीं है। उन्होंने पहली टनल का काम पूरा होने पर कहा कि यह काम किसी मील के पत्थर से कम नहीं है। एमडी के अनुसार मेरठ एक भीड़भाड़ वाला शहर है और इस इलाके में इस तरह के मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना का निर्माण किसी चुनौती और जटिल प्रक्रिया से कम नहीं है। इस प्रकार के कार्यों में जटिल लॉजिस्टक्स प्रबंधन की ही आवश्यकता होती है क्योंकि इसमें कई तरह के जोखिम शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि इन जोखिमों से निपटने के लिए एक विशेष कार्ययोजना और रणनीति की आवश्यकता होती है। एमडी के अनुसार पहले से ही मौजूद किसी शहर के नीचे टनल का निर्माण अपने आप में बेहद जोखिम भरा काम है लेकिन बेहतरीन तकनीक एवं शासन के सहयोग से इसे पूरा किया जा रहा है।
प्रायोरिटी सेक्शन पर सब उल्टी गिनती शुरू
रैपिड के प्रायोरिटी सेक्शन पर रैपिड दौड़ने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। एमडी विनय कुमार सिंह ने बताया कि भारत सरकार के सामने जो टाइमलाइन तय हुई थी उसके अनुसार प्रायोरिटी सेक्शन पर यह ट्रेन जून 2023 में शुरू होनी थी, लेकिन इसे तीन माह पूर्व मार्च 2023 में ही इस सेक्शन पर शुरू कर दिया जाएगा।