NCR Ghaziabad: कस्तूरबा आवासीय विद्यालय से तीन छात्राये हुई गायब, वार्डन की सेवा समाप्त की गई
"नई वॉर्डन को तैनात किया गया"
गाजियाबाद: रजापुर स्थित कस्तूरबा आवासीय विद्यालय से तीन छात्राओं के गायब होने के मामले में वॉर्डन की सेवाएं समाप्त कर दी गई और नई वॉर्डन को तैनात कर दिया गया है। पांच फुट की दीवार और सुरक्षाकर्मी न होने की शिकायत वॉर्डन एक साल से अधिक समय से कर रही थीं, लेकिन अधिकारियों ने इसे अनसुना करके लापरवाही बरती। इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने स्कूल का दौरा किया और जल्द चहारदीवारी बनाने व सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाने के संबंध में निर्देश जारी किए।
कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय में छठीं से आठवीं तक की छात्राएं पढ़ती और हॉस्टल में रहती हैं। 100 छात्राओं के इस स्कूल में इस समय 85 छात्राएं रह रही हैं। नए सत्र से इस स्कूल में नौवीं से 12वीं तक की छात्राओं को भी प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए नया हॉस्टल बनाया गया है। हॉस्टल के निर्माण के दौरान एक साइड की दीवार गिरी हुई थी और कोई सुरक्षाकर्मी भी तैनात नहीं था। इस कारण सितंबर महीने में तीन छात्राएं हॉस्टल से रात के दो बजे बाहर चली गईं। इसमें दो सातवीं और एक आठवीं की छात्रा थीं। एक छात्रा अपने घर चली गई थी।
उसके अभिभावकों ने फोन करके स्कूल में सूचना दी, तब उनके बारे में सूचना मिली। तीनों छात्राओं को सिहानी गेट थाने में लाया गया। इसके बाद स्कूल को सौंपा गया। इसमें से अब केवल एक छात्रा यहां पढ़ रही है। दो स्कूल छोड़कर जा चुकी हैं। जांच के बाद वॉर्डन सविता त्यागी की सेवा समाप्त कर दी गई और अब कल्पना सिंह को नया वॉर्डन बनाया गया है।
सविता त्यागी का कहना है कि यहां सुरक्षाकर्मी के तौर पर पीआरडी तैनात होते हैं। एक की ड्यूटी दिन में होती है और एक की रात में, लेकिन पिछले कई महीनों से यहां सुरक्षाकर्मी नहीं थे। दीवार काफी नीची है। रात में पूरा हॉस्टल केवल महिलाओं के भरोसे रहता है। हॉस्टल निर्माण के समय एक तरफ की दीवार महीनों तक टूटी थी। उन्होंने हादसा होने से पहले कई बार इस संबंध में पत्र लिखा था, बावजूद इसके शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने घोर लापरवाही बरती और कार्रवाई केवल उन पर हुई।
वह पिछले 18 साल से यहां दिन रात तैनात रहती थीं। बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव का कहना है कि जल्द ही चहारदीवारी ऊंची कराई जाएगी और सुरक्षाकर्मी भी जल्द तैनात किया जाएगा। मुख्य गेट को भी ऊंचा कराया जाएगा। लापरवाही पाए जाने पर वार्डन को हटा दिया गया है।
चार महिलाओं के भरोसे है हॉस्टल: इस समय हॉस्टल में चार शिक्षिकाएं दिन और रात यहां रहती हैं और यहां 85 छात्राएं रह रही हैं। रात में कोई सुरक्षाकर्मी या गार्ड तैनात नहीं है। चहारदीवारी पांच फुट की है। यह इतनी नीची है कि कोई भी कूदकर आ और जा सकता है। मुख्य द्वार का गेट भी काफी नीचे हैं। यहां की शिक्षिकाओं की मानें तो हमें रात में खुद डर लगता है। केवल महिलाएं रहती हैं। यहां लखनऊ से पीआरडी जवान तैनात होते हैं, जो अगस्त महीने से नहीं है। इस समय हॉस्टल की सुरक्षा भगवान भरोसे है।