नोएडा। जनपद में मंगलवार (24 जनवरी) को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्धारित कार्यक्रम के तहत सुबह10.30 बजे मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय से रैली निकाली जाएगी और दोपहर एक बजे से सीएमओ कार्यालय में एक कार्यशाला का आयोजन होगा। बालिका दिवस की इस वर्ष की "थीम डिजिटल जनरेशन-अवर जनरेशन" है। गर्भ धारण व प्रसव पूर्व निदान तकनीक विनियमन तथा दुरुपयोग अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. ललित कुमार ने बताया- राष्ट्रीय बालिका दिवस पर रैली और कार्यशाला के माध्यम से बालिकाओं के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाएगा। लोगों को तक यह संदेश पहुंचना जरूरी है कि समाज में बालिकाओं का भी उतना ही महत्व है जितना बालकों का। राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नारी शक्ति के रूप में याद किया जाता है। इसी दिन वर्ष 1966 में इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। समाज में बालक-बालिकाओं में समानता लाने के लिए इस दिन को मनाने की शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सन् 2008 में की थी। इसका सबसे बड़ा उद्देश्य समाज में लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक करना है। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि हर लड़की को मानवीय अधिकार मिले।
डा. ललित ने कहा- स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार बालिकाओं के प्रति जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। गर्भ धारण व प्रसव पूर्व निदान तकनीक विनियमन तथा दुरुपयोग अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) के तहत भ्रूण लिंग जांच पर रोक है। इसके तहत जनपद में नियमित रूप से चिकित्सालयों और अल्ट्रासाउंड केन्द्रों का निरीक्षण किया जाता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसी भी सूरत में भ्रूण लिंग जांच न हो। जांच करने पर पकड़े जाने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने कहा- पीसीपीएनडीटी के तहत की जा रही कार्रवाई का सुखद परिणाम सामने आ रहा है। देशभर में लिंगानुपात बढ़ा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस) के अनुसार राष्ट्रीय स्तर (सन्-2022) यह आकड़ा 1020 पहुंच गया है। यानि एक हजार बालकों पर 1020 बालिकाएं पैदा हुईं। जनपद में भी लिंगानुपात बढ़ा है। जिला अपर शोध अधिकारी केके भास्कर ने हेल्थ मैनेजमेंट इंफॉर्मेंशन सिस्टम (एचएमआईएस) के हवाले से बताया- जनपद में वर्ष 2021-22 में दिसम्बर तक 18404 बालक और 16355 बालिकाएं पैदा हुईं। लिंगानुपात 885 रहा जबकि इस वर्ष 2022-23 वित्तीय वर्ष में दिसम्बर तक 222527 बालक और 20428 बालिका पैदा हुईं। इस वर्ष (दिसम्बर तक) लिंगानुपात 906 रहा। यानि एक हजार बालकों के सापेक्ष 906 बलिकाएं पैदा हुईं। उन्होंने बताया यह आंकड़ा जन्म पंजीकरण के आधार पर लिया गया है। पीसीपीएनडीटी कार्यक्रम की जिला समन्वयक मृदुला सरोज ने बताया- मंगलवार (24 जनवरी) को सुबह 10.30 बजे मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से बालिकाओं के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से रैली निकाली जाएगी। रैली पुराने सीएमओ दफ्तर, सिटी सेंटर, राजकीय डिग्री कालेज से होते हुए दोबारा सीएमओ कार्यालय पर आकर समाप्त होगी। इसके बाद दोपहर एक बजे से सीएमओ कार्यालय में सीएमओ की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।