Muzaffarnagar: 100 दिनों में टीबी अभियान” पर चर्चा हुई

Update: 2025-01-05 06:40 GMT

मुजफ्फरनगर: आज मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज (एमएमसी) में त्रैमासिक कोर कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता एमएमसी के प्रिंसिपल डॉ. रोहताश यादव ने की। बैठक का प्रमुख उद्देश्य टीबी (तपेदिक) उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे “विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रति 100 दिनों में टीबी अभियान” पर चर्चा और इसे और प्रभावी बनाने के लिए रणनीतियां तय करना था।

बैठक में टीबी उन्मूलन अभियान को जिले और प्रदेश स्तर पर सफल बनाने के लिए विभागीय तालमेल पर जोर दिया गया। अभियान के तहत समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक जागरूकता और टीबी की जांच-पड़ताल सुनिश्चित करने की रणनीतियां बनाई गईं। डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट डॉ. अरविंद ने अभियान की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सुझाव दिए।

साई अक्षित ने टीबी उन्मूलन अभियान में अपने महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख किया। उनकी ओर से दी गई तकनीकी और सहयोगात्मक पहल की प्रशंसा की गई। बैठक में तय किया गया कि इस अभियान में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाएगा।

डॉ. रोहताश यादव ने अभियान को तेजी से लागू करने के लिए सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया। सीएमएस डॉ. कीर्ति गोस्वामी ने अस्पताल स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों को और सशक्त बनाने पर जोर दिया।

डीटीओ डॉ. लोकेश ने बताया कि जिले में टीबी मरीजों की पहचान और इलाज में आ रही चुनौतियों पर प्रकाश डाला। सभी विभागों को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने स्तर पर अभियान की सफलता सुनिश्चित करने में सक्रिय भागीदारी निभाएं। बताया कि दुनिया में सबसे अधिक टीबी रोगियों वाला भारत देश है। यह बीमारी हवा से फैलती है। यदि इसे शुरुआत में ही पहचाना जाए और पूरा इलाज किया जाए तो यह पूरी तरह ठीक हो सकती है। इस अभियान में स्वास्थ्य कर्मी घर आएंगे। उनका सहयोग कर सही जानकारी दें, तभी टीबी हारेगा, देश जीतेगा की यह लड़ाई तभी सफल होगी।

बताया कि टीवी के मरीज को सावधानी बरतनी चाहिए? तपेदिक के रोगियों के लिए जिन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, उनमें चीनी, नमक और अस्वास्थ्यकर वसा से भरपूर प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल हैं। ये खाद्य पदार्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकते हैं और सूजन को बढ़ा सकते हैं, जो संभावित रूप से ठीक होने की प्रक्रिया में बाधा डाल सकते हैं। बताया कि अगर आपको लगता है कि आप सक्रिय टीबी रोग से पीड़ित किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो आपको टीबी रक्त परीक्षण या टीबी त्वचा परीक्षण करवाने के बारे में अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता या स्थानीय या राज्य स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करना चाहिए।

बैठक में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. कीर्ति गोस्वामी, जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. लोकेश, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के कंसल्टेंट डॉ. अरविंद सहित सभी विभागों के प्रमुख (एचओडी) उपस्थित रहे।

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