Muzaffarnagar: अभियान के तहत अंतरराज्यीय वाहन चोर गैंग का भंडाफोड़ हुआ

चोरी गिरोह का पर्दाफाश

Update: 2024-10-04 05:23 GMT

मुजफ्फरनगर: जिले की पुलिस ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह के निर्देशन में चलाए गए अभियान के तहत अंतरराज्यीय वाहन चोरी गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस अधीक्षक नगर सत्यनारायण प्रजापत के पर्यवेक्षण और सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी नगर ब्योम विंदल और थानाध्यक्ष कोतवाली नगर अक्षय शर्मा के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने 02-03 अक्टूबर 2024 की रात को रेलवे पुल के पास बाननगर की ओर से दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार अभियुक्त वाहनों को फाइनेंस पर लेकर उनके इंजन और चेसिस नंबर बदलकर दूसरे राज्यों में बेचने का काम कर रहे थे। अभियुक्तों के पास से एक गाड़ी और उसके कागजात बरामद किए गए। पूछताछ और अभियुक्तों की निशानदेही पर शिवधाम कॉलोनी से 13 अन्य गाड़ियां बरामद की गईं। इसके अलावा, निगरानी कर रहे एक अन्य अभियुक्त को भी गिरफ्तार किया गया। थाना कोतवाली नगर पुलिस अब इस मामले में अग्रिम विधिक कार्रवाई कर रही है।

पुलिस अधीक्षक नगर सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि थाना कोतवाली नगर पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम द्वारा अपराधियों के खिलाफ चलाए गए अभियान में मलीरा से बाननगर की ओर जाने वाले रास्ते पर संदिग्ध वाहनों और व्यक्तियों की चेकिंग की जा रही थी। इस दौरान बिना नंबर की एक कार बाननगर की ओर से आती दिखाई दी। पुलिस ने उसे रोकने का इशारा किया, लेकिन कार चालक ने रुकने के बजाय तेजी से कार भगाने की कोशिश की। पुलिस ने तुरंत कार का पीछा किया, और कुछ दूर जाने के बाद कार अचानक बंद हो गई। पुलिस ने कार को घेर लिया और उसमें सवार दो व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया।

गाड़ी की जांच के दौरान उसमें पड़ी नंबर प्लेट को ई-चालान ऐप से चेक किया गया, जिससे पता चला कि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन झारखंड निवासी चिराग वशिष्ठ के नाम था, लेकिन गाड़ी के इंजन और चेसिस नंबर अलग पाए गए। अभियुक्तों की निशानदेही पर शिवधाम कॉलोनी से 13 अन्य गाड़ियां बरामद की गईं और निगरानी कर रहे एक अन्य अभियुक्त को भी गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा, 3 अक्टूबर 2024 को पुलिस ने खतौली बाईपास से एक अन्य अभियुक्त को भी गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों में गुलबहार पुत्र सुलेमान, निवासी मौहम्मपुर मोहनपुरा, थाना सिविल लाइन, रूड़की, उत्तराखंड, प्रदीप पुत्र मांगेराम, निवासी ग्राम नावला, थाना मंसूरपुर, मुशर्रफ हुसैन उर्फ मूसा पुत्र शमशाद अली, निवासी ग्राम बझेड़ी, थाना नई मंडी, सुनील कुमार कुशवाह (जनरल मैनेजर सेल्स, किआ एजेंसी, इटावा), पुत्र सूरज प्रकाश, निवासी बर्रा, थाना गुजैनी, कानपुर नगर शामिल है, इन अभियुक्तों पर पुलिस द्वारा इस मामले में आगे की विधिक कार्रवाई जारी है।

पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वे एक संगठित गिरोह के सदस्य हैं, जिसमें उनके साथ अन्य साथी आशू अग्रवाल पुत्र नरेश कुमार अग्रवाल, निवासी हनुमान नगर, हनुमान मंदिर के पास, सहारनपुर, शाह आलम पुत्र इमरान, निवासी बलेलपुर मजरा, पनियाला, रुड़की, उत्तराखंड, कादिर पुत्र मौ० इसरार, निवासी मौहम्मदपुर, थाना सिविल लाइन, रुड़की, जनपद हरिद्वार, उत्तराखंड, दीपक त्यागी पुत्र राकेश, मूल पता ग्राम नावला, थाना मंसूरपुर, हाल पता रामपुरी, थाना कोतवाली नगर, मुजफ्फरनगर, दीपक कुमार वाल्मीकि पुत्र नैन सिंह, निवासी अलमासपुर, थाना नई मंडी, मुजफ्फरनगर शामिल है।

अभियुक्तों ने बताया कि यह गिरोह भोले-भाले लोगों को झांसे में लेकर उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज ले लेता था। इसके बाद वे गाड़ियों का फाइनेंस कराते थे। गिरोह के सदस्य गाड़ी एजेंसी के सेल्स मैनेजर के साथ मिलकर गाड़ियों के टॉप मॉडल का फाइनेंस कराते थे, लेकिन वास्तव में लो मॉडल की गाड़ी एजेंसी से निकालते थे। इस तरह, उन्हें गाड़ी की डाउन पेमेंट और किस्तें नहीं चुकानी पड़ती थीं।

बाद में, अभियुक्तगण गाड़ियों के इंजन और चेसिस नंबर बदलकर उन्हें अन्य राज्यों में रजिस्ट्रेशन कराते और फिर सीधे साधे लोगों को बेचकर लाभ कमाते थे। इस प्रकार की धोखाधड़ी से वे अवैध धन अर्जित करते थे। पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी और मामले की विस्तृत जांच कर रही है।

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