Muzaffarnagar: भोपा पुलिस और एसओजी की टीम को एक बड़ी सफलता मिली
सिंचाई विभाग के डाक बंगले में बनाये जा रहे थे तमंचे
मुज़फ़्फ़रनगर: जनपद में थाना भोपा पुलिस और एसओजी की टीम को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने नगला बुजुर्ग के जंगलों में गंगनहर के किनारे स्थित खंडहर में तब्दील हो गए सिंचाई विभाग के डाक बंगले में चल रही अवैध शस्त्र निर्माण की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने दो अभियुक्तों, अकरम और इसरार को मौके से गिरफ्तार किया है। ये दोनों नया गांव, थाना भोपा के निवासी हैं और रिश्ते में चाचा – भतीजा लगते है। मौके से भारी मात्रा में अधबने शस्त्र और शस्त्र निर्माण के उपकरण बरामद हुए हैं। जबकि इनके तीन साथी – इरशाद, असलम और अली नवाज उर्फ अलिया मौके से फरार होने में सफल रहे। पुलिस इन फरार आरोपियों की तलाश कर रही है और मामले की जांच जारी है।
आपको बता दें कि जनपद में थाना भोपा पुलिस और एसओजी की टीम ने अवैध शस्त्र निर्माण के एक बड़े ठिकाने का भंडाफोड़ किया है, जहां से भारी मात्रा में अधबने शस्त्र और शस्त्र निर्माण के उपकरण बरामद हुए हैं। यह छापेमारी नगला बुजुर्ग के जंगलों में गंगनहर के किनारे एक खंडहर में की गई,यह सिंचाई विभाग का पुराना डाक बंगला था, जहां अवैध हथियार बनाने का काम चल रहा था।
सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने तय स्थान पर छापा मारा, जहां अवैध शस्त्र बनाने का कार्य चल रहा था। पुलिस ने मौके से दो अभियुक्तों, अकरम और इसरार, को गिरफ्तार किया है, जो नया गांव, थाना भोपा के निवासी हैं। पुलिस को छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में अधबने तमंचे, पिस्तौल, और अन्य शस्त्र निर्माण सामग्री भी मिली है। अकरम और इसरार के तीन साथी – इरशाद, असलम, और अली नवाज उर्फ अलिया – मौके का फायदा उठाकर फरार होने में सफल रहे। पुलिस अब इन फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।
एसपी देहात आदित्य बंसल ने पुलिस लाइन में पत्रकार वार्ता में जानकारी दी कि एक सूचना के आधार पर पुलिस ने छापेमारी की थी। दो आरोपी भोपा क्षेत्र के नया गांव निवासी अकरम उर्फ कग्गा व उसके भतीजे इसरार को मौके से गिरफ्तार कर लिया। अलीपुर तिस्सा निवासी इरशाद उर्फ बाबू व उसका भतीजा असलम तथा एक अन्य खेड़ी फिरोजाबाद निवासी अली नवाज उर्फ अलिया फरार हो गए।
पुलिस ने मौके से 2० बने तमंचे व मस्कट तथा आठ नाल व तमंचे बनाने के उपकरण बरामद किए। गिरफ्तार अकरम और फरार इरशाद उर्फ बाबू पूर्व में भी तमंचे बनाने के आरोप में जेल जा चुके हैं।
एसपी ने बताया कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए इनाम घोषित किया जाएगा। आरोपियों से जब सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इन तमंचों को मीरापुर उपचुनाव में खूनखराबा करने के लिए नहीं बनाया गया था। गिरफ्तार आरोपियों का चालान कर दिया गया है। फरार आरोपियों की तलाश के लिए दो टीम बनाई हैं।
एसपी देहात आदित्य बंसल ने बताया कि यह गिरोह पांच हजार रुपये में तमंचा बेचता था। काफी समय से यह गिरोह इस धंधे में लगा था। गिरफ्तार व फरार आरोपियों को तमंचे बनाने में महारत हासिल है। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह बेहद शातिर है। गिरोह के एक-दो सदस्य ही मोबाइल का इस्तेमाल करते थे। सभी सदस्य मोबाइल नहीं रखते थे। किसी को भी एक बार में तमंचा नहीं बेचते थे। कई बार चक्कर काटने के बाद तमंचा बेचा जाता था।
पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों, अकरम और इसरार, ने खुलासा किया कि वे अवैध शस्त्रों का निर्माण कर उन्हें मांग के आधार पर विभिन्न जनपदों में सप्लाई करते थे। इसके जरिए वे अवैध तरीके से धन कमाते थे और उसे आपस में बांट लेते थे। इनका यह नेटवर्क स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि अन्य जिलों में भी फैला हुआ था। पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों और इनके संपर्कों का पता लगाने में जुटी है।