पंडकी गांव में दो बच्चों की हत्या , संदेह के कारण पुलिस ने शव को कब्र से निकाला

Update: 2024-05-10 11:30 GMT
अमरोहा : अमरोहा देहात थानाक्षेत्र के केतवाली पंडकी गांव में 24 घंटे के भीतर कक्षा तीन के छात्र समेत दो बच्चों की हत्या के मामले में पुलिस के होश उड़े हुए हैं। कक्षा तीन के छात्र चिराग (12) की गला दबाकर हत्या की पुष्टि होने के बाद शुक्रवार को माहिर (4) की शव का कब्र से निकाला जा रहा है। उसका शव मंगलवार को मिला था, जबकि चिराग का शव बुधवार को मिला था। दोनों के शव दस फीट की दूरी से पड़े मिले थे।
माहिर के परिजनों ने उसके शव को बिना पुलिस कार्रवाई के दफना दिया, जबकि चिराग के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराया, जिसमें उसकी गला घोटकर हत्या की पुष्टि हुई थी। मृतक माहिर गांव में रहने वाले विपिन सैनी का मझला बेटा था। विपिन अमरोहा के रोडवेज बस अड्डे के पास खाने का ठेला लगाकर परिवार का पालन पोषण करता है। परिवार में पत्नी के अलावा तीन बेटे मयंक, माहिर और नितिन हैं।
मंगलवार की दोपहर तीन बजे माहिर अचानक घर से गायब हो गया था। परिजनों ने उसे काफी तलाश किया, लेकिन कहीं पता नहीं चला। लेकिन शाम के समय करीब पांच बजे उसका शव पड़ोस में ही रहने वाली शीला देवी के घर में मुख्य दरवाजे के पीछे घर में पड़ा मिला। इस दौरान दरवाजा बंद था, लेकिन माहिर भीतर कैसे पहुंचा यह रहस्य बना हुआ है। उसके चेहरे और माथे पर चोट के निशान थे। लेकिन परिजनों ने बिना पुलिस कार्रवाई के शव का दफीना कर दिया।
चौबीस घंटे बाद यानी बुधवार को पड़ोस में रहने वाले दर्जी राजू के बेटे चिराग की भी हत्या कर दी गई। चिराग तीन भाई बहनों में दूसरे नंबर का था। जबकि मृतक चिराग के पिता राजू और उसकी मां खेमवती दोनों दिव्यांग हैं। उसका शव बुधवार की दोपहर बारह बजे अपने ही घर में पड़ा मिला।
चिराग के चेहरे और गले पर निशान मिले। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि चिराग की रस्सी से गला घोट कर हत्या की गई। चौबीस घंटे के भीतर दो बच्चों की मौत से गांव के लोग सहम गए। चिराग के शव का पोस्टमार्टम कराया। जिसमें गला घोटकर हत्या की पुष्टि हुई। जिसके बाद पुलिस हरकत में आ गई और छानबीन शुरू कर दी।
कहीं तंत्र क्रिया की भेंट तो नहीं चढ़े दोनों बच्चे
केतवाली पंडकी गांव में दोनों बच्चों की मौत के मामले में पुलिस बेहद गंभीर है, कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। पुलिस की जांच इस तरफ भी चल रही है कि कहीं दोनों बच्चे तंत्र क्रिया की भेंट तो नहीं चढ़ गए। इसके पीछे किसका हाथ है कौन हो सकता है बच्चों का कातिल। पुलिस इसका जल्द खुलासा करने का दावा कर रही है।दिया था।
बच्चे कुछ बता न दें, इसलिए तो नहीं कर दी हत्या
पुलिस के जेहन में ये सवाल भी चल रहा है कि कहीं ऐसा तो नहीं की दोनों बच्चों ने कुछ ऐसा देख लिया जिसे छुपाने के लिए उनकी हत्या कर दी गई हो। पुलिस इन दो बच्चों की मौत के मामले को प्रेम-प्रसंग वाले बिंदु पर भी जांच कर रही है।
दोपहर बाद पांच घंटे के बीच हुई दोनों बच्चों की मौत
केतवाली पंडकी गांव में 12 वर्षीय चिराग और चार वर्षीय माहिर की मौत दोपहर 12 बजे से 5 बजे के बीच हुई है। भले ही दोनों की मौत अलग-अलग दो दिन में हुई। लेकिन दोनों की मौत का समय लगभग एक जैसा है। इतना ही नहीं मृतक चिराग और माहिर के चेहरे पर लगी चोट के निशान भी एक जैसे हैं। हां चिराग के गले पर निशान साफ दिखाई दे रहा है, जबकि माहिर के गले पर किसी भी तरह का निशान स्पष्ट नहीं है।
देर रात तक डीएम की अनुमति के लिए चलती रही प्रक्रिया
केतवाली पंडकी गांव में माहिर के चेहरे पर चोट के निशान तो थे, लेकिन परिवार वाले ये नहीं समझ पाए कि उसकी हत्या हो सकती है। परिवार वालों ने सोचा कि हो सकता है माहिर ने लोहे के दरवाजे में जबरन घुसने का प्रयास किया हो और उसके चेहरे पर चोट लग गई। जिसके चलते उसकी मौत हो गई। परिवार वालों ने बिना पुलिस कार्रवाई के शव को दफना दिया था।
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