मेरठ न्यूज़: नगर आयुक्त अमित पाल शर्मा के नए आदेश से कर विभाग में हड़कप मचा हुआ है, जिसमें नए स्लैब के अनुरूप कर की वसूली न होने पाने के चलते सभी कर निरीक्षकों का वेतन रोकने का फरमान जारी किया गया है। इसी क्रम में तीनों जोन के प्रभारियों को पहले ही वेतन रोक दिए जाने के नोटिस थमाए जा चुके हैं। गौरतलब है कि शासन की ओर से वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 में 55 करोड़ की डिमांड रखी गई थी। जिसे नगर निगम के अधिकारियों ने सात करोड़ की वृद्धि करते हुए पूर्व में 62 करोड़ कर लिया था। अगस्त में आए नगर आयुक्त ने इस लक्ष्य को सितंबर माह में सीधे 100 करोड़ तक ले जाने के निर्देश जारी किए। बताया गया है कि कर विभाग की टीम ने पहली छमाही के दौरान शास्त्रीनगर जोन में 15 करोड़ 62 लाख 37 हजार के लक्ष्य के सापेक्ष 12 करोड़ 44 लाख 39 हजार रुपये की कर वसूली की है। कंकरखेड़ा जोन ने 15 करोड़ 55 लाख नौ हजार के लक्ष्य के सापेक्ष 13 करोड़ 34 लाख तीन हजार और मुख्यालय जोन ने आठ करोड़ 80 लाख 96 हजार के लक्ष्य के सापेक्ष सात करोड़ 81 लाख 61 हजार रुपये की वसूली की है।
तीनों जोन का योग देखा जाए तो लक्ष्य के सापेक्ष 94.25 प्रतिशत की वसूली कर ली गई है। यह वसूली पहली छमाही में 33 करोड़ 60 लाख से अधिक होती है। लेकिन नगर आयुक्त के अनुसार यह वसूली 40 करोड़ से अधिक होनी चाहिए थी। नगर निगम के एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि शासनादेश के अनुसार नए वित्तीय वर्ष के पहले चार महीने अप्रैल, मई, जून और जुलाई में कुल लक्ष्य का 5-5 प्रतिशत कर वसूले जाने का प्रावधान रहा है। इसके बाद के महीनों में इसे बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक ले जाया जाता है। सूत्र के अनुसार नगर आयुक्त ने कर वसूली के संबंध में होने वाली साप्ताहिक बैठक के दौरान तीन अक्टूबर को पाया कि सितंबर माह के अंत तक लक्ष्य के सापेक्ष 94.25 प्रतिशत की वसूली की जा चुकी है तो इस पर संतोष जताने या टीम को शाबासी देने के बजाय उन्हें कर वसूली के काम और तेजी लाने के साथ-साथ चेतावनी भी दे डाली। नए लक्ष्य में हर सप्ताह दो करोड़ से अधिक करने को कहा गया और ऐसा न होने पर वेतन रोक देने की बात कही। इस कड़ी में तीन दिन पहले ही मेरठ के तीनों जोन के प्रभारियों को वेतन रोक देने के नोटिस जारी कर दिए गए हैं। सूत्र बताते हैं कि बुधवार को सभी जोन के कर निरीक्षकों का वेतन भी रोक दिए जाने के बारे में एक चेतावनी भरा आदेश जारी कर दिया गया है।
जिसको लेकर कर विभाग में हड़कंप की स्थिति बन गई। अधिकारी एक दूसरे से दबी जबान में इस बारे में बात करते रहे, लेकिन खुलकर बोलने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाया। इस बारे में पूछने पर अपर नगर आयुक्त ममता मालवीय ने वेतन रोके जाने संबंधी नोटिस या आदेश की पुष्टि करते हुए इसे कर वसूली बढ़ाने के लिए उठाया गया कदम बताया। साथ ही यह भी जोड़ा कि पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष अच्छी वसूली हुई है।