मुख्तार अंसारी को एमपी-एमएलए कोर्ट से मिली जमानत
उत्तर प्रदेश स्थित मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के अपर सत्र न्यायालय प्रथम एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है.
उत्तर प्रदेश स्थित मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के अपर सत्र न्यायालय प्रथम एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को साल 2009 के गैंगस्टर के मामले में मंगलवार को जमानत दे दी. हालांकि वह अभी जेल में ही रहेंगे. इस बात की जानकारी मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने दी.
एडवोकेट लियाकत अली ने बताया कि हाईकोर्ट के डायरेक्शन के साथ धारा 436 ए के तहत गाजीपुर जिला एवं सत्र न्यायालय की एडीजे फर्स्ट कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था.
मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में दी थी याचिका
जेल में बंद विधायक ने अदालत को प्रार्थना पत्र लिखकर कहा था कि कि गैंगेस्टर एक्ट में अधिकतम 10 वर्ष की सजा है जबकि आरोपी 25 अक्टूबर 2005 से जेल में है और जेल में रहते हुए 12 साल 8 महीने पूरे हो चुके हैं. वकील ने बताया कि इस प्रार्थना पत्र के आधार पर कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर के मामले में जमानत दी है. मुख्तार अंसारी इस मामले में हाईकोर्ट तक गए थे.
विधायक की याचिका पर यूपी सरकार ने दिया था यह जवाब
बंदी प्रत्यक्षीकरण के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर विधायक की याचिका में कहा गया था कि आरोपी गैंगस्टर एक्ट की सजा को काट चुका है इसलिए रिहा कर देना चाहिए. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान यूपी सरकार से जवाब मांगा. अपने जवाब में यूपी सरकार ने कहा था कि मुख्तार तमाम मुकदमों में जेल में बंद हैं, इसलिए उनकी याचिका उचित नहीं है. उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी के खिलाफ 52 मुकदमे दर्ज हैं इनमें से 15 केस ट्रायल स्टेज पर हैं.
हाईकोर्ट ने दिया था यह निर्देश
बीते महीने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जज जस्टिस साधना रानी ठाकुर की डिवीजन बेंच ने ट्रायल कोर्ट को गैंगस्टर के दो मामलों में कस्टडी वारंट पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया था.हाईकोर्ट ने 6 सप्ताह में ट्रायल कोर्ट को वारंट पर पुनर्विचार करने के निर्देश दिए थे. मुख्तार अंसारी फिलहाल राज्य की बांदा जेल में बंद हैं.