वाराणसी। संतान की दीर्घायु के लिए माताएं 24 घंटे का जीवित्पुत्रिका व्रत रखेंगी। महिलाओं के लिए यह व्रत काफी कठिन माना जाता है। माता और संतान के प्रेम का प्रतीक यह त्यौहार शुक्रवार (6 अक्टूबर) को मनाया जायेगा। इस व्रत की शुरुआत गुरुवार को नहाय खाय से शुरू हुई। शुक्रवार को महिलाएं अपने संतान की दीर्घायु व सलामती के लिए शुक्रवार को व्रत रखेंगी। वहीँ शनिवार (7 अक्टूबर) को इसका पारण होगा। इसे जीवित्पुत्रिका अथवा जितिया व्रत भी कहा जाता है।
जितिया व्रत महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु की कामना व खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, जितिया व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी से लेकर नवमी तिथि तक मनाया जाता है। अस्सी घाट के तीर्थ पुरोहित बलिराम मिश्र के अनुसार, इस व्रत से संतान प्राप्ति के साथ ही दुख-दर्द व परेशानियों से भी संतान की रक्षा होती है। इस त्यौहार की शुरुआत 16 दिवसीय ‘सोरहिया मेला’ से होती है। समापन के दिन महिलाएं ‘जीवित्पुत्रिका’ का व्रत रखेंगी।