स्कूली बच्चों के दांतों में ज्यादा विकार, लड़कों की अपेक्षा लड़कियां सजग
कानपूर न्यूज़: खानपान के साथ मुख की सेहत पर फोकस करेंगे तो कई विकारों से बचे रहेंगे,लेकिन स्कूली बच्चे इसका विशेष ध्यान नहीं रख पाते हैं. इनके माता-पिता भी सजग नहीं रहते. यही वजह है कि स्कूली बच्चों में दांतों और मसूड़ों की बीमारी सबसे ज्यादा पाई गई है. 38 फीसदी बच्चों के दांतों में दंत क्षय पाया गया है. इसका खुलासा जीएसवीएम की कम्युनिटी मेडिसिन और दंत विभाग की संयुक्त स्टडी में किया गया है. को वर्ल्ड ओरल हेल्थ दिवस है.
अध्ययन में 400 स्कूली बच्चों को लिया गया. इसमें 15 साल तक की उम्र के 65 प्रतिशत लड़के और 35 फीसदी लड़कियों को शामिल किया गया. 90 प्रतिशत लड़कियां मुख की सफाई और विकारों को लेकर सर्वाधिक सजग रहीं,जबकि लड़कों में यह औसत 66 फीसदी ही रहा. शोध के रिजल्ट के मुताबिक स्कूली बच्चे खासकर लड़के ओरल सफाई पर ध्यान नहीं देते. 38 फीसदी में दंत क्षय, चार फीसदी के मसूड़ों से खून आना,जबकि नौ प्रतिशत में हाइपोप्लेसिया इनेमल यानी दांतों में इनेमल की मात्रा कम पाई गई. 70 फीसद के मसूड़े दुरुस्त पाए गए.
इनका सेवन न करें: ओरल हेल्थ का ध्यान रखने के लिए कुछ चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए, कार्बोनेटेड ड्रिंक, कॉफी, अधिक चीनी वाला भोजन, शराब, पान मसाला, तंबाकू, खट्टी कैंडी, अधिक ठंडा या गर्म फूड आइटम खाने से बचना चाहिए.
स्कूली बच्चों में विकार सबसे ज्यादा पाए जाते हैं इसलिए उन्हें समय से ठीक कराना हितकर होता है. बाद में सारा विकार दांतों पर आकर गंभीर समस्या पैदा करता है.
- डॉ.अशरफ उल्ला अंसारी, एचओडी, डेंटल विभाग, जीएसवीएम
इसे भी समझें
ओरल हेल्थ हेल्दी है या खराब इसे पहचानना भी बेहद जरूरी है. सांसों से बदबू आ रही है, जीभ पर किसी तरह के जख्म दिख रहे या मसूड़ों से खून आ रहा है, दांतों में सड़न या कैविटी बनी हुई है,दांतों में दर्द होना,मुंह में स्किन में किसी तरह का बदलाव दिखना जैसे लक्षण शामिल हैं.
ऐसे रखें अपने मुख को स्वस्थ
● 24 घंटे में दो बार ब्रश करने की आदत डालें, एक बार सुबह और एक बार सोते समय जाने पर ब्रश करना चाहिए. इससे दांत स्वस्थ रहते हैं.
● गले में किसी तरह की दुखन है या मुंह में परेशानी है तो गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे कर लेने चाहिए.
● आमतौर पर पेट खराब रहने वाले लोगों की जीभ गंदी रहती है, टंग क्लीनर से जीभ साफ की जा सकती है, इसे प्रयोग में लाना चाहिए.
● फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का प्रयोग करना चाहिए, इससे दांतों की सड़न रोकने में मदद मिलती है.
स्टडी के यह भी रिजल्ट रहे
● 16 फीसदी के दांतों में इनेमल की कमी पाई गई
● 07 फीसदी लड़कियों और 11 प्रतिशत लड़कों में इनेमल में लगातार कमी दर्ज की गई.
● 88 फीसदी लड़कियों ने दो बार दांतों की सफाई की बात स्वीकारी