Moradabad: पुलिस ने परियोजना प्रबंधक, जेई पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया

Update: 2024-08-07 08:08 GMT

मुरादाबाद: मझोला थाना पुलिस ने ढक्का आसरा योजना के परियोजा प्रबंधक बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर निवासी राजीव गुप्ता और मुजफ्फरनगर के तितारी निवासी जेई अश्वनी कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन का केस दर्ज किया है. यह मुकदमा सीजेएम कोर्ट के आदेश से गाजियाबाद के कविनगर निवसी ठेकेदार योगेंद्र प्रकाश त्यागी की तहरीर पर लिखा गया है.

दर्ज रिपोर्ट में योगेंद्र प्रकाश त्यागी ने बताया कि उन्होंने निर्माण कार्य की ठेकेदारी के लिए अक्तूबर 2019 को अपनी फर्म रोहित क्रिएशन्स बनवा कर फर्म को सीएंडडीएस जल निगम मुरादाबाद में लगाकर आसरा योजना ढक्का मुरादाबाद में अक्टूबर 2019 से सरकारी मकान बनवाना शुरू किया था. कार्य करने का माह जनवरी 2020 में मैटीरियल लेबर तथा कंस्ट्रक्शन का लगभग 29 लाख रुपये का बकाया सीएंडडीएस जल निगम मुरादाबाद पर निकल रहा था. आरोप लागया कि परियोजना प्रबंधक राजीव गुप्ता और जेई अश्वनी कुमार ने उनकी बिल बुक पर एडवान्स में हस्ताक्षर कराकर ले लिए थे. बाद में बकाया 29 लाख के भुगतान के लिए जेई अश्वनी कुमार ने 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की. रिश्वत लेने में परियोजना प्रबंधक राजीव गुप्ता साजिशकर्ता रहे. पीड़ित के अनुसार इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम मुरादाबाद से की गई तो टीम ने अश्वनी कुमार और उनके सहयोगी पंकज कुमार को 50 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. पीड़ित के अनुसार बाद में एंटी करप्शन टीम ने आसरा योजना का रिकार्ड सीएंडडीएस कार्यालय से एमबी रजिस्टर, बिल बुक, सप्लाई आर्डर, वर्क आर्डर, रेट लिस्ट अपने कब्जे में लिए थे.

आरोपियों ने फर्म रोहित क्रिएशन्स के नाम से फर्जी सप्लाई आर्डर सं0 107/45 दिनांक 20 सितंबर 2019 को 750 बैग सीमेन्ट, 180 एम कोरसेन्ड और 20 हजार ईट का सप्लाई ऑर्डर काटा था, जबकि फर्म अक्तूबर 2019 में बनी थी. इसी तरह कई और फर्जी वर्क आर्डर और सप्लाई आर्डर किया था. पीड़ित ठेकेदार के अनुसार आरोपियों ने काम कराकर न तो सामान का और न ही मजदूरी का पूरा भुगतान किया. ठेकेदार योगेंद्र प्रकाश त्यागी के अनुसार 18 फरवरी 2020 को परियोजना प्रबंधक राजीव गुप्ता को साथ उसकी साइट पर मोहम्मद उमर आदि के समक्ष दिखाया और अपने बकाया 29 लाख रुपये के भुगतान के लिए कहा. राजीव गुप्ता ने कहा कि 29 लाख रुपये वकाया का पेमेंट करूंगा और छूटे कार्यों की एमबी भी करा दूंगा, लेकिन इसके लिए तुम्हें हमारे पक्ष में लिखित में देना होगा. पीड़ित के अनुसार कुछ नहीं दिया तो उन्होंने पेमेंट नहीं किया. परेशान होकर अधिवक्ता सुरजीत सिंह यादव के माध्यम से सीजेएम कोर्ट में अर्जी लगवाई. जहां से एफआईआर के आदेश हुए. एसएचओ मझोला केके वर्मा ने बताया कि कोर्ट के आदेश से पर आरोपी राजीव गुप्ता और अश्वनी कुमार के खिलाफ जालसाजी, गबन, धोखाधड़ी आदि के आरोप में केस दर्ज किया गया है.

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