Moradabad: अस्पताल में दुष्कर्म का शिकार हुई नर्स ,खौफ से उबर नहीं पा रही पीड़िता

Update: 2024-09-06 10:21 GMT
Moradabad मुरादाबाद। ठाकुरद्वारा में एबीएम अस्पताल में दुष्कर्म का शिकार हुई पीड़िता (नर्स) को उसके इलाज के लिए परिवार वाले ना बरेली ले गए और ना ही मेरठ मेडिकल काॅलेज...वह शुक्रवार दोपहर बिटिया को लेकर वापस अपने घर पहुंच गए। कारण जानने पर पीड़िता के पिता ने बताया कि अब उनकी बेटी ठीक लग रही है। कुछ दवाएं मिल गए हैं, उसी से आराम मिल गया है।
उधर, जिला अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संगीता गुप्ता ने बताया कि पीड़िता की हालत बिगड़ने पर उसके परिजन गुरुवार सुबह करीब 8.30 बजे उसे लेकर आए थे। पीड़िता को भर्ती कर उसका उपचार शुरू किया गया था और उसके ब्लड टेस्ट कराए गए थे। सभी रिपोर्ट सामान्य थीं। लेकिन, वह बहुत शोर मचा रही थी। दवा वाले इंजेक्शन तक नहीं लगाने दे रही थी। टेस्टिंग के लिए ब्लड सैंपल लेना मुश्किल कर रही थी। ऐसे में डॉ. प्रवीन शाह ने उसे मानसिक रोग विशेषज्ञ से भी दिखवाया था। विशेषज्ञ की सलाह पर पीड़िता को बरेली या मेरठ मेडिकल कॉलेज में ले जाने के लिए गुरुवार रात 9 बजे के समय रेफर किया गया था।
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि पीड़िता के परिवार वालों को भी समझाया गया था कि इसका इलाज मेडिकल कॉलेज के साइकेट्रिस्ट अनुभाग में होगा। उसे साइक्लोसिस (मानसिक दिक्कत) हो रही है। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि पीड़िता के बेहतर इलाज के लिए उसके परिवार वाले मेरठ या बरेली के मेडिकल कॉलेज ले गए होंगे।
लेकिन, पीड़िता के परिवार से उसका कुशलक्षेम जानने के लिए संपर्क किया गया तो पता चला कि रात में जिला अस्पताल से रेफर होने के बाद उसके परिवार वाले पीड़िता को किसी प्राइवेट चिकित्सक के पास ले गए थे, जहां से वापस घर ले आए हैं। पीड़िता के पिता ने बताया कि गुरुवार सुबह करीब चार बजे उसकी हालत फिर खराब हो गई थी। छह बजे उसे लेकर ठाकुरद्वारा के सरकारी अस्पताल में पहुंचे थे। यहां प्रारंभिक इलाज शुरू हुआ था लेकिन, हालत में सुधार न होने पर उसे जिला अस्पताल ले आए थे। पिता ने बताया कि उनकी बेटी (पीड़िता) सांस लेने में दिक्कत होना बता रही थी। उसके सिर में भी दर्द था।
खौफ से उबर नहीं पा रही पीड़िता
ठाकुरद्वारा स्थित एबीएम अस्पताल में 17 अगस्त की रात पीड़िता के साथ दुष्कर्म की घटना घटी थी। इसके बाद अभी तक वह खौफ से उबर नहीं पाई है। उस दर्दनाक मंजर की यादें उसके दिमाग में भरी हैं। उस घटना को सोच-सोचकर वह काफी मानसिक दबाव ले रही है। धीरे-धीरे कर अब उसे मानसिक उलझन होनी शुरू हो गई है। इस दुष्कर्म की घटना में मुख्य आरोपी एवं अस्पताल संचालक डिलारी के गांव राजपुरा केसरिया निवासी डॉ. शाहनवाज जेल में है। दुष्कर्म की घटना में इस आरोपी की मदद करने वाली दूसरी नर्स/आशा मेहनाज और वार्ड ब्वाॅय जुनैद भी जेल में हैं। अस्पताल की डीवीआर गायब करने का आरोपी डॉक्टर का भाई भी जेल पहुंच गया है।
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