Moradabad: भारी बारिश के चलते रामगंगा नदी व अन्य नदियों का जल बढ़ने लगा स्तर
Moradabad ठाकुरद्वारा । मैदानी व पर्वतीय क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के चलते रामगंगा नदी व अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ने लगा है। जिससे नदी से सटे एक दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। वहीं बरसात के मौसम में जैसे-जैसे रामगंगा का जल स्तर बढ़ता है वैसे ही नदी किनारे बसे गांव के लोगों को बाढ़ का भय सताने लगता है।
जुलाई शुरू होते ही बारिश ने भी दस्तक देनी शुरू कर दी जिसके चलते मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार रुक-रुक कर बारिश होने से रामगंगा नदी के किनारे बसे गांवों के ग्रामीणों को बाढ़ का खतरा सताने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि अधिक बारिश होने से खो बैराज व कालागढ़ बांध से पानी रामगंगा नदी में छोड़े जाने के कारण ही क्षेत्र के लोगों को बाढ़ का खतरा नजर आने लगता है।
क्षेत्र के गांव मलकपुर सेमली, चावड, रायभूड, बालापुर, बहापुर, बलिया, गंगाधरपुर, सुल्तानपुर खादर, शेरपुर पट्टी, लालापुर पीपलसाना सहित एक दर्जन से अधिक गांवों के किसानों की खेती रामगंगा नदी किनारे है। इनमें नदी का पानी प्रवेश कर गया है। अगर इसी तरह से लगातार बारिश होती रही तो निश्चित तौर पर रामगंगा नदी का जल स्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडराने लगेगा। हालांकि क्षेत्र में 10 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई है। एसडीएम अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि क्षेत्र के हल्का लेखपाल आदि को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ हीसमय-समय पर इसकी सूचना हेड क्वार्टर को उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड मुरादाबाद आरपी सिंह ने बताया कि रविवार को खो बैराज शेरकोट पर 6:00 बजे 42996 क्यूसेक पानी रामगंगा नदी में छोड़ा गया था। दोपहर 2:00 बजे नदी का जल स्तर घटना प्रारंभ हुआ। देर शाम खो बैराज का जलस्तर घटकर 10, 343 क्यूसेक रह गया है। बताते चले कि पर्वतीय क्षेत्र का वर्षा का जल नदी में जाकर श्योहरा के नजदीक रानी गांव के पास रामगंगा नदी में मिलता है। खो बैराज शेरकोट की क्षमता एक लाख क्यूसेक पानी रोकने की है। फिलहाल रामगंगा नदी में कालागढ़ से जल नहीं छोड़ा गया है। उन्होंने रामगंगा नदी किनारे बसे ग्रामीणों से अपील की है कि अभी बाढ़ का खतरा नहीं है। इसलिए भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है।