Moradabad: डेंगू ने दी दस्तक, लक्षण दिखें तो न करें लापरवाही

Update: 2024-08-21 06:28 GMT
Moradabad मुरादाबाद । जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. प्रवीन कुमार श्रीवास्तव ने रोगियों को सलाह दी है कि यदि आपको डेंगू के लक्षण लगते हैं तो पहले तो अपने फिजिशियन से संपर्क करें और फिर उनके परामर्श पर जिला अस्पताल में एलाइजा टेस्ट करा लें। जिला अस्पताल में एलाइजा की निशुल्क जांच होती है। यहां अस्पताल में डेंगू का निशुल्क इलाज भी है। उन्होंने कहा कि मौसम का बदलाव शुरू होते ही डेंगू ने दस्तक दे दी है। बदलते मौसम में डेंगू मच्छर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।
ऐसे करें डेंगू से बचाव
डेंगू मच्छर प्राय: दिन में ही काटता है, इसलिए दिन में मच्छरों से बचाव करें।
घर के आसपास या घर के अंदर पानी नहीं जमने दें। कूलर, गमले व टायर आदि में पानी न एकत्रित होने दें।
मच्छरदानी का प्रयाेग करें और मच्छर वाली जगह से दूर रहें।
प्रयास करें कि ऐसे कपड़े पहनें, जिससे पूरा हाथ, पैर ठीक से ढंका रहे।
यदि डेंगू हो भी जाए तो सावधान रहें, ताकि संक्रमण दूसरों को न हो सके।
डेंगू के यह हैं लक्षण
इसमें मरीज को दो से सात दिन तक तेज बुखार होता है। इसमें अचानक तेज बुखार, सिर में आगे की तरफ तेज दर्द, आंखों के पीछे दर्द, स्वाद का पता न चलना और भूख न लगना, छाती और ऊपरी अंगों पर खसरे जैसे दानें, चक्कर आना, शरीर में खून की तरह चकत्ते आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर फिजिशियन से संपर्क कर सकते हैं।
आंकड़ों में डेंगू : आधी हकीकत, आधा फंसाना
मुरादाबाद। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े कितने सच हैं इस पर दावा तो नहीं कर सकते लेकिन, सरकारी आंकड़े कह रहे हैं कि 2023 की बात दूर पिछले तीन वर्षों में मुरादाबाद जिले में एक भी व्यक्ति की मौत डेंगू से नहीं हुई है। वैसे, हकीकत यह भी है कि पिछले साल डेंगू के रोगियों की जिले में बाढ़ सी आ गई थी। अस्पतालों में बेड तक नहीं मिल रहे थे। रोगियों को फर्श पर लिटाकर इलाज चला था। काफी लोगों की मौत भी हो गई थी। फिलहाल, जिला अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ.संगीता गुप्ता बताती हैं कि पिछले साल डेंगू का प्रकोप बहुत अधिक था। उन्हें वार्ड में पूर्व में आरक्षित बेड की संख्या को बढ़ाकर 50 तक करना पड़ा था। वैसे सीएमओ कार्यालय के आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले वर्ष के तीन महीने (अगस्त-अक्टूबर) में ही डेंगू के 1201 रोगी मिले थे। इसमें 890 शहरी और 311 रोगी ग्रामीण क्षेत्र से थे। डेंगू को लेकर हर कोई भयभीत था। महानगर के लगभग हर वार्ड में डेंगू से सुरक्षा को लेकर हॉट स्पॉट बनाए गए थे। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि पिछले साल हुई मौतें डेंगू से नहीं बल्कि अन्य रोगों के कारण हुई थीं।
जिले में डेंगू का रहा प्रभाव
वर्ष - पॉजिटिव केस - मृत्यु
2023- 1392- कोई नहीं
2022- 576- कोई नहीं
2021 -1129- कोई नहीं
नोट : उक्त आंकड़े सीएमओ कार्यालय के हैं।
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