मुुरादाबाद: अदालत ने दहेज हत्या में पति और सास को दस-दस साल की सजा सुनाई

Update: 2022-04-25 18:30 GMT

सिटी न्यूज़: विवाहिता को जलाकर मारने में पति और उसकी सास को दोषी ठहराया गया है। सोमवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मां-बेटे को दस-दस साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन पर अर्थदंड भी लगाया है। पांच वर्ष पूर्व कोतवाली बिलारी के मोहम्मद तालिब ने पुत्री मेहसीमा का निकाह सद्दाम के साथ किया था। आरोप है कि निकाह के चार महीने बाद ही विवाहिता को जलाकर मार दिया। वादी की ओर से 4 अप्रैल 2017 को संभल के नाखासा में मुकदमा दर्ज कराया था। तहरीर में कहा गया कि ससुराल वाले दान दहेज की मांग करते रहते थे। दहेज लाने के लिए बेटी को मारा-पीटा जाता था। पति सद्दाम व अन्य ससुरालियों ने बेटी से दो लाख रुपये मांगा। वह इस मांग का पूरा नहीं कर सका। इसी पर इन लोगों ने जला कर मार डाला। पुलिस ने मृतका के पति सद्दाम, सास रशीदन व ससुर बुंदू के खिलाफ मुकदमा कायम कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। कोर्ट की सुनवाई के दौरान ही ससुर बुंदू की मौत हो गई।

केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम योगेन्द्र चौहान की अदालत में हुई। एडीजीसी अशोक यादव ने बताया कि कोर्ट में नौ गवाह पेश किए गए। अदालत में मृत्यु पूर्व बयान अहम बने। कोर्ट ने साक्ष्य के आधार पर पति व सास को दहेज हत्या में दोषी करार देते हुए दस-दस साल की सजा सुनाई। दोषियों पर आठ-आठ हजार रुपए अर्थदंड भी लगा है।

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