Moradabad: आयुष्मान में इलाज के बाद हजारों मरीजों के क्लेम का भुगतान अटका
मुरादाबाद: आयुष्मान योजना में मरीजों के इलाज के बाद क्लेम का भुगतान अटकने से अस्पताल संचालक परेशान हैं. बड़ी संख्या में मरीजों के इलाज के बाद क्लेम अटक गया है.
कई मरीजों के कार्ड का अप्रूवल मिलने के बाद उनके क्लेम का भुगतान रिजेक्ट हो गया. अक्तूबर तक पांच हजार से अधिक मरीजों के क्लेम का भुगतान पेंडिंग है. आयुष्मान योजना में इलाज को लेकर मरीजों और डॉक्टरों के बीच विवाद की एक बड़ी वजह यह भी बन रही है.
आयुष्मान योजना में संबद्ध अस्पताल पात्र मरीजों का निशुल्क उपचार करते हैं और उनको सरकार की तरफ से क्लेम का भुगतान किया जाता है. इलाज से पहले अस्पताल को मरीज के आयुष्मान कार्ड का अप्रूवल लेना होता है. बताते हैं कि पहले नियमित भुगतान हो रहा था लेकिन जब से इलाज करने वाले डॉक्टर के लिए यूपी एमसीआई में पंजीकरण अनिवार्य हुआ है तब से क्लेम रिजेक्ट होना और भुगतान पेंडिंग होना बढ़ गया है. जिले में आयुष्मान योजना के तहत अक्तूबर 2024 तक एक लाख 21 हजार 28 मरीजों का आयुष्मान योजना के तहत इलाज हुआ. इसमें से एक लाख 16 हजार 21 का भुगतान हो चुका है. इसके लिए तीन अरब 28 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. अभी करीब 5007 मरीजों का क्लेम पेंडिंग है. यह राशि करोड़ों में बताई जा रही है.
इलाज में इसलिए आ रही है दिक्कत: यूपी एमसीआई में जिले के सभी डॉक्टरों का पंजीकरण नहीं है. कई बार एक मरीज का इलाज दो या अधिक डॉक्टरों की टीम करती है. गंभीर मरीजों के इलाज या ऑपरेशन के लिए दूसरे शहर के अस्पतालों के डॉक्टरों की टीम भी आती है. उनका यूपी एमसीआई में रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर क्लेम का भुगतान फंस जाता है. हालांकि जब से आयुष्मान योजना में पंजीकरण अनिवार्य हुआ है, डॉक्टरों ने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया है और काफी डॉक्टरों का पंजीकरण हो भी गया है.