Moradabad: आरोग्य मंदिर अब कैंसर की जांच में देरी का कलंक मिटाएंगे

आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में कैंसर की प्री स्क्रीनिंग शुरू की गई है

Update: 2024-11-16 07:32 GMT

मुरादाबाद: कैंसर से पीड़ित मरीज के ठीक होने में उसकी समय से जांच नहीं हो पाना बड़ी समस्या है. इसी वजह से तमाम मरीजों के लिए कैंसर लाइलाज और जानलेवा बीमारियों के तौर पर सामने आ रहा है. लेकिन अब कैंसर से पीड़ित मरीजों में इस बीमारी होने का पता काफी शुरुआत में ही लगा लिए जाने के मकसद के साथ आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में कैंसर की प्री स्क्रीनिंग शुरू की गई है.

कैंसर के लक्षणों को जल्दी नहीं समझ पाने और मरीज की जांच में देरी का कलंक मिटाने के मकसद के साथ आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के प्रभारी के रूप में कार्यरत सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स) को इस संबंध में गाइड लाइन जारी कर दी गई है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के जिला कार्यक्रम प्रबंधक रघुवीर सिंह ने बताया कि मुरादाबाद जनपद में 253 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (पूर्व का नाम हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) संचालित हो रहे हैं. सभी आरोग्य मंदिरों की ओपीडी में आने वाले ऐसे सभी मरीजों को चिन्हित करके बीमारी से जुड़ी उनकी समस्याओं की बारीकी से पड़ताल की जाएगी, जिनमें कैंसर के शुरुआती लक्षण महसूस होंगे.

लक्षणों के आधार पर कैंसर संदेह महसूस होने पर उन्हें अगली जांचों के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया जाएगा. डीपीएम रघुवीर सिंह ने बताया कि जनपद के 253 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के साथ ही जिले की तीन फर्स्ट रेफरल यूनिटों (एफआरयू) में भी कैंसर की प्री स्कैनिंग की जाएगी. जनपद के कांठ, बिलारी और ठाकुरद्वारा में एफआरयू संचालित की जा रही हैं. जिला अस्पताल में संचालित एनसीडी क्लीनिक पर कार्यरत स्टाफ नर्स अर्चना व आस्था ने बताया कि मरीजों में कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता चलने पर उन्हें संबंधित चिकित्सकों के पास भेजा जा रहा है.

इन शुरुआती लक्षणों को न करें नजरअंदाज: एकाएक वजन में कमी होना, बुखार रहना, भूख में कमी होना, खांसी या मुंह में खून आना, शरीर में सामान्य बीमारी होने पर ठीक नहीं होना, अप्रत्याशित रूप से बीमारी की गंभीरता बढ़ना, निगलने में कठिनाई होना आदि दिक्कतें होने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं.

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