प्रदूषण रोकने के लिए आधुनिक यंत्र स्थापित किए गए, स्प्रिकंलर और एंटी स्मॉग गन हुई इन्स्टॉल
मेरठ: लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए भले ही दिल्ली में निर्माण कार्यों को सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया हो, लेकिन एनसीआरटीसी ने प्रदूषण पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने के उद्देश्य से आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इसके तहत एनसीआरटीसी ने विभिन्न आरआरटीएस निर्माण स्थलों पर आधुनिक यंत्र लगाए हैं ताकि प्रदूषण की मार से बचा जा सके। प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली मेरठ के 82 किलोमीटर लम्बे पूरे कॉरिडोर पर विशेष इंतेजाम किए गए हैं। एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन को फॉलो करते हुए 'शून्य' प्रदूषण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों की जानकारी साझा करते हुए एनसीआरटीसी अधिकारियों ने बताया कि परियोजना के शुरुआत में ही प्रदूषण पर लगाम का ब्ल्यू प्रिंट तैयार कर लिया गया था। रैपिड अधिकारियों के अनुसार दिल्ली से मेरठ के बीच पूरे 82 किमी के कॉरिडोर पर कुल 10 कास्टिंग यार्ड स्थापित किए गए हैं और सभी में प्रदूषण रोकने के आधुनिक उपायों का प्रयोग किया गया है।
इसके साथ साथ आरआरटीएस की सभी कंस्ट्रक्शन साइट्स पर ट्रक वॉशिंग प्लान्ट से लेकर स्प्रिकंलर और एंटी स्मॉग गन इंस्टॉल की गई हैं। निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल व इससे होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए भी एंटी स्मॉग गन के साथ साथ पानी के टैंकरो का इस्तेमाल किया जा रहा है। जल छिड़काव के लिए मोबाइल वैन भी विभिन्न साइट्स पर तैनात की गई हैं। एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार निर्माण स्थलों के आस पास सड़कों पर उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए वैक्यूम स्वीपिंग पद्धति का इस्तेमाल किया जा रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण की मॉनिटिरिंग भी होगी: एनसीआरटीसी अधिकारियों ने बताया कि प्रदूषण रोकने के लिए जो इंतेजाम किए गए हैं उनकी बाकायदा मॉनिटिरिंग भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदूषण रोकने के उपायों की निगरानी एवं पर्यवेक्षण के लिए एक विशेष कार्य बल का गठन भी किया गया है। जिसमें एनसीआरटीसी के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है।