नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का मामला, शिक्षक को आजीवन कारावास की सजा

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Update: 2022-05-13 16:08 GMT

गाजीपुर: यूपी के गाजीपुर में जिला व सत्र न्यायालय की पॉक्सो कोर्ट प्रथम के विशेष जज विष्णुचन्द्र वैश्य की अदालत ने फैसला सुनाते हुए नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का दोषी पाए जाने पर एक शिक्षक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने 1 लाख 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.

कोर्ट ने सबूतों के आधार पर शिक्षक मंजूर अंसारी की मां हलीकुन निशा को भी दोषी पाया है. उस पर भी 5,000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए 5 साल कैद की सजा सुनाई है. फैसला आने के बाद पुलिस ने दोषी मां बेटे को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया.
थाना करीमुद्दीनपुर क्षेत्र की महिला ने 4 नवंबर 2016 को शिकायत की थी कि उसकी नाबालिग लड़की को मंजूर अंसारी स्कूल में पढ़ाता था, वह कोचिंग भी पढ़ाता था. बाद में मंजूर अंसारी लड़की को बहला-फुसलाकर ले गया था. इस शिकायत के बाद पुलिस ने पीड़िता को बरामद कर उसका मेडिकल कराया और कोर्ट में बयान दर्ज किए गए.
जांच के बाद पुलिस ने एक समुदाय के 4 आरोपियों के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया. विशेष लोक अभियोजक रविकांत पांडेय ने कुल 7 गवाहों को पेश किया, सभी ने बयान कोर्ट में दर्ज कराए. इस मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया. वहीं शिक्षक मंजूर और उसकी मां को कड़ी सजा सुनाई. कोर्ट का आदेश आते ही पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया.
पॉक्सो कोर्ट, प्रथम के विशेष लोक अभियोजक रविकांत पांडेय ने बताया कि यह मामला साल 2016 में गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर थाने का है. न्यायाधीश ने नाबालिग पीड़िता के साथ बहला फुसलाकर रेप के मामले में मां और बेटे को सजा सुनाई. आरोपी मंजूर अंसारी पेशे से शिक्षक था, जिसे दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा के साथ एक लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. उसकी मां हलीकुन निशा को 5 वर्ष की सजा सुनाते हुए 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. कोर्ट ने जुर्माने की राशि में से 70 हजार रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया है.
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