Meerut Metroमेरठ मेट्रो: आरआरटीएस कॉरिडोर के तहत मेरठ शहर में मेट्रो ट्रेन का भी संचालन किया जाएगा। क्योंकि यह तीव्र गति से कार्य कर रहा है। बेगमपुल, भैंसाआली सहित विभिन्न स्टेशन अब भी आने लगे हैं। यहां लिफ्टिंग, फिनिशिंग और ट्रैकड का कार्य तेजी से चल रहा है। (मेरठ से विशाल भटनागर की रिपोर्ट) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ की बात की जाए तो यहां दिल्ली से मेरठ तक नमो भारत ट्रेन का संचालन किया जाएगा। वहीं, शहर के विभिन्न स्थानों पर मेट्रो ट्रेन भी दौड़ती नजर आएगी। इसी कड़ी में मेरठ शहर में कई जगह आरआरटीएस कॉरिडोर के नीचे भूमिगत सड़कों को आकार ले लिया गया है। ये सभी सुविधाएं प्रवेश-निकास द्वार बनाए जा रहे हैं। साथ ही फिनिशिंग का कार्य भी प्रगति पर है। यह तीन भूमिगत स्टेशन नहीं हैं, जो लगभग 5 किलोमीटर लंबे हैं और इस भूमिगत खंड पर ट्रैक की लंबाई तेजी से बढ़ रही है।
उत्साहित, आरआरटीएस कॉरिडोर के अंतर्गतunder मेरठ में तीन भूमिगत स्टेशन तैयार किए जा रहे हैं। इनमें मेरठ सेंट्रल, बेंज़ाली और बेगमपुल शामिल हैं। इन भूमिगत स्टेशनों में मेरठ सेंट्रल और बेंज़ाली मेट्रो स्टेशन होंगे। जबकि बेगमपुल स्टेशन नमो भारत एवं मेट्रो दोनों सेवाए प्रदान करेगा। एनजीटीसी के अनुसार, मेरठ में दिल्ली रोड पर ब्रह्मपुरी मेट्रो स्टेशन के बाद रामलीला मैदान (मारुति शोरूम) से बेगमपुल स्टेशन के बाद टैंक छत (एमईएसए) तक भूमिगत सुरंग बनाई गई है। मेरठ का यह भूमिगत खंड दोनों ओर से एलिवेटेड वायाडक्ट के निपटान से जुड़ चुका है। इन चीजों की अगर बात की जाए तो ट्रैकएड की गतिविधियों के अंतर्गत देश में पहली बार ऐसी तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। खास बात यह है कि इनका जीवन काल लंबा होता है।
इनके कम खत्म की आवश्यकता होती है. इसी कारण इस ट्रैक के रख-रखाव की कुल लागत भी कम होती है। ये ट्रैक आमतौर पर 4 मीटर x 2.4 मीटर आकार के होते हैं। इनके निर्माण में उच्च गुणवत्ता वाले आवरण का उपयोग किया जाता है। ग्रेनटीसी टनल के अंदर तेज गति वाली ट्रेनों के चलने से होने वाली वायब्रेशन को कम करने के लिए मास स्प्रिंग सिस्टम का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। टनलों में परिचालनoperational के दौरान वायब्रेशन को कम करने के लिए टनल में ट्रैक कार्ड बनाने से पहले टनल की सतह पर पहले चरण की ट्रैकिंग की जाती है। दिल्ली की तरफ से आते समय रामलीला मैदान के पास मेरठ में पहला भूमिगत स्टेशन मेरठ सेंट्रल है।
इस स्टेशन पर आइलैंड टाइप का प्लेटफॉर्मPlatform होगा जिसके दोनों ओर 4 ट्रैक बनाए जा रहे हैं।यात्रियों की सुविधा के लिए इस स्टेशन पर 2 प्रवेश/निकास द्वार बनाए जा रहे हैं। मेरठ सेंट्रल के बाद अगला स्टेशन बँटालिया है जो बस डिपो के ऊपर बनाया गया है। यात्रियों की सहूलियत के लिए इस स्टेशन पर 3 प्रवेश/निकास द्वार बनाए जा रहे हैं। मेरठ मेट्रो का ऑपरेशन आरटीटीएस के बुनियादी ढांचे पर ही किया जाएगा। जो देश में पहली बार होगा. मेरठ मेट्रो के लिए 23 किलोमीटर के सेक्शन में शहर में कुल 13 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसमें मेरठ साउथ मेट्रो के लिए पहला स्टेशन होगा। इसके अलावा, नमो भारत और मेरठ मेट्रो की सुविधा मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम स्टेशन पर उपलब्ध होगी।