मुरादाबाद न्यूज़: गर्मी के चढ़े पारे में लोगों की बढ़ती मुश्किलों के बीच बड़ी संख्या में बच्चे बुखार से पीड़ित हो रहे हैं. कई बच्चों में बुखार का पारा बेकाबू होने जैसे हालात बन रहे हैं. बुखार घटाने में दवाओं के धीमा काम करने की बात साझा करते हुए चिकित्सक अभिभावकों को ठंडे पानी की पट्टी का इस्तेमाल बच्चे पर अनिवार्य रूप से करने को कह रहे हैं.
बच्चों में बुखार का प्रकोप बढ़ने व इसमें तापमान 103 डिग्री फार्नेहाइट व इससे ऊपर पहुंच जाने की बात आईएमए की मुरादाबाद शाखा के अध्यक्ष एवं बालरोग विशेषज्ञ डॉक्टर जितेंद्र कुमार शर्मा और बालरोग विशेषज्ञ डॉ.वीएस दीक्षित ने खुलकर साझा की. बताया कि शरीर का तापमान काफी अधिक हो जाने के कारण बुखार में बच्चों को दी जाने वाली दवाएं अपेक्षाकृत धीमा असर कर रही हैं. अमूमन, इन दवाओं से बुखार दो से तीन दिन में ठीक हो जाता है, लेकिन, तापमान अधिक होने के चलते बच्चों का बुखार ठीक होने में अब पांच से सात दिन तक लग रहे हैं. अभिभावकों को सलाह दी जा रही है कि बुखार में तापमान कम नहीं होने तक बच्चे के माथे पर ठंडे पानी की पट्टी नियमित रूप से रखते रहें. चिकित्सकों का कहना है कि मौसमी संक्रमण के चलते बच्चे बुखार से पीड़ित हो रहे हैं. बुखार अपने आप में कोई बीमारी नहीं होकर यह शरीर में संक्रमण हो जाने का लक्षण है. संक्रमण के प्रकोप से बच्चों को बचाने के लिए इस मौसम में विशेष एहतियात एवं सावधानी बरतने की जरूरत है.
इन बातों का रखें ध्यान
1. गर्मी अधिक होने पर बच्चों को दिन के समय घर से बाहर नहीं जाने दें, तापमान में थोड़ी कमी आने पर ही बाहर भेजें.
2. बाहर से आने पर उन्हें तत्काल ठंडा पानी या कोल्ड ड्रिंक पीने से रोकें, बाहर से आने पर तत्काल एसी रूम में नहीं बैठें.
3. इन दिनों बाहर खुले में बिकने वाली चीजें खाने से संक्रमण होने का खतरा बढ़ने के मद्देनजर उन्हें ये चीजें नहीं खाने दें.
4. इस समय बच्चों के फास्ट फूड खाने से विशेष रूप से बचाएं क्योंकि, यह जल्दी खराब होने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
5. बच्चों को घर का बना गर्म और ताजा खाना ही खिलाएं. घर पर भी पुराना और बासा भोजन खाने से बचें.