11 जनपद को मिलाकर समेकित ग्रोथ-हब के रूप में विकास विषयक नीति आयोग की बैठक

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Update: 2023-10-10 14:51 GMT
वाराणसी। वाराणसी के मंडलायुक्त सभागार में अन्ना रॉय, वरिष्ठ सलाहकार/ एडिशनल सेक्रेटरी नीति आयोग की अध्यक्षता में प्रदेश के चार मंडलों को ग्रोथ-हब के रूप में विकास विषयक बैठक आहूत की गई। इसमें मैक किन्सी, डिलोईट, आईएसईजी कंपनियों के सलाहकार और नीति आयोग के सिंसल्टैंट के साथ साथ उत्तर प्रदेश के नियोजन विभाग के अधिकारी मौजूद थे। उक्त बैठक में प्रदेश के चार मण्डल क्रमशः वाराणसी, मिर्ज़ापुर, आज़मगढ़ एवं प्रयागराज के मंडलायुक्त और विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षगण समेत अन्य अधिकारिगण तथा सलाहकार एवं प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।बैठक में अन्ना रॉय, वरिष्ठ सलाहकार, नीति आयोग ने बताया कि इस बैठक का मूल उद्देश्य, पूरे परिक्षेत्र के विकास से जुड़ी हुई है। प्रत्येक मंडल में विकास का लक्ष्य इस प्रकार हो कि समेकित ग्रोथ हब की विकास दर प्रदेश की विकास दर से भी तेज हो। उन्होंने कहा की
वाराणसी को देश-विदेश के आगंतुकों हेतु पहली पसंद के रूप में एक अनुपम टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने के लिए जिला प्रशासन का कार्य सरहनीय है। उन्होंने कहां कि किसी भी शहर के सार्वभौमिक विकास केलिए चार मापदंड क्रमशः बेस-लाइनिंग, ग्रोथ इंडिकेटर्स, सिटी-लिविंग स्टैण्डर्ड तथा सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर मंथन किया जाना मूलभूत है। बैठक में मंडलायुक्त-वाराणसी द्वारा यह बताया गया की भविष्य में वाराणसी के विकास में यहां टाउनशिप का विकास, शहर में सुगम यातयात, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का विस्तारीकरण, लॉजिस्टिक हब रवम इंडस्ट्रियल टाउनशिप, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सुगमता, एग्री-एक्सपोर्ट तथा एग्री-प्रोसेसिंग जैसे कार्य प्रस्तावित है। वाराणसी भविष्य में पर्यटन के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था तथा फ़िल्म इंडस्ट्री हेतु भी एक प्रमुख हब बन के निकलेगा।
- मंडलायुक्त-वाराणसी ने यह कहा कि देश-विदेश की बेस्ट प्रक्टिसेस के अध्ययन कर के वाराणसी में नवीन परियोजनाओं का विकास किया जाएगा तथा सरकारी विभागों का भी संबंधित परियोजनाओं के अनुसार ओरिएंटेशन किए जाने पर ज़ोर दिया जाएगा। - अंत में श्रीमती अन्ना रॉय, वरिष्ठ सलाहकार, नीति आयोग द्वारा चार मंडलों की प्रेजेंटेशन से संबंधित विभिन्न सुझावों पर चर्चा की गई तथा बैठक के समस्त प्रतिभागियों से विभिन्न नीतियाँ बनाए जाने हेतु विचार, विवरण एवं सहयोग की अपेक्षा की गई। विभिन्न विभागीय मण्डल स्तर के अधिकारियों को उनके द्वारा बताया गया कि नीति आयोग कि टीम के द्वारा उनसे डेटा प्राप्त किए जाएँगे जिसको उपलब्ध कराने में वो मदद करें। ग्रोथ हब की पूरी योजना तीन माह में ही तैयार की जानी है।
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