मेरठ: पुलिस ने पश्चिमी दिल्ली से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी और उनकी पत्नी को पांच दिनों तक डिजिटल रूप से बंधक बनाकर 1.73 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी की थी। जिला पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पांडवनगर निवासी सेवानिवृत्त बैंककर्मी सूरज प्रकाश को 17 सितंबर को एक कॉल आई।
साइबर जालसाजों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए उन्हें बताया कि महाराष्ट्र में उनके खिलाफ 6.80 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है। उन्होंने जेल भेजने की धमकी देकर उन्हें डराया-धमकाया। दोनों को पांच दिनों तक डिजिटल रूप से बंधक बनाकर रखा गया। 1.73 करोड़ रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए।
इस संबंध में प्राप्त शिकायत के आधार पर साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में धारा 318 (4) भारतीय दंड संहिता और 66डी आईटी एक्ट के तहत एफआईआर संख्या 68/2024 दर्ज की गई। जांच के दौरान उपरोक्त मामले में धारा 338, 340 (2), 61 (2) भारतीय दंड संहिता को जोड़ा गया। जनपद में साइबर अपराधों की रोकथाम एवं वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु चलाए जा रहे अभियान के अन्तर्गत साइबर क्राइम थाने की 03 पुलिस टीमों में से एक टीम को उपरोक्त प्रकरण में वांछित अभियुक्त पंकज विश्वकर्मा के नाम व पते की तस्दीक करने एवं आवश्यक विवेचना कार्यवाही हेतु दिल्ली भेजा गया था।
विवेचना कार्यवाही के दौरान खाताधारकों को प्रलोभन देकर उनसे धनराशि लेकर चेक के माध्यम से निकालने वाले अभियुक्त पंकज विश्वकर्मा पुत्र सोम शर्मा एवं सुखप्रीत सिंह बजाज पुत्र हरजीत सिंह बजाज का नाम प्रकाश में आया। आवश्यक वैधानिक कार्यवाही करते हुए उन्हें पश्चिमी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया।