Meerut: पुलिस ने फर्जी स्टांप घोटाले में दो आरोपी को गिरफ्तार किया

"मुख्य आरोपी की तलाश जारी"

Update: 2025-01-06 11:08 GMT

मेरठ: अब तक के सबसे बड़े स्टांप घोटाला मामले में पुलिस ने दो नामजद आरोपी राहुल वर्मा निवासी प्रवेश विहार थाना मेडिकल और राहुल वर्मा निवासी रिठानी परतापुर मेरठ को गिरफ्तार किया है। मेरठ एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह के मुताबिक मेरठ में हुए फर्जी स्टांप मामले में की गई रजिस्ट्री दोनों आरोपी गवाह बनते थे। मुख्य आरोपी विशाल वर्मा की तलाश में पुलिस की तीन टीम दबिश दे रही हैं। मुख्य आरोपी विशाल वर्मा पर 25 हजार का ईनाम पुलिस पहले ही घोषित कर चुकी है।

मेरठ में हुए फर्जी स्टांप घोटाला मामले में जाली स्टॉप से रजिस्ट्री कराने का मुकदमा दो साल पहले अगस्त 2023 में सिविल लाइन थाने में दर्ज किया गया था। एडीएम वित्त व रजिस्ट्री विभाग से रजिस्ट्री कराने वालों को अर्थदंड सहित रिकवरी के नोटिस भेजने शुरू किए गए है। जिन व्यापारियों ने फर्जी स्टॉप पर अपनी रजिस्ट्री कराई हैं। वो महीनों से डीएम-एसएसपी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।

मामला तूल पकड़ने पर प्राक्कलन विधानसभा समिति ने इसका संज्ञान लिया। डीएम दीपक मीणा ने तत्कालीन एआईजी स्टांप ज्ञानेंद्र कुमार, एडीएम वित्त सूर्यकांत त्रिपाठी, मुख्य कोषागार वरुण खरे और एसपी क्राइम अवनीश कुमार की संयुक्त कमेटी बनाकर जांच कराई।

कमेटी रिपोर्ट के आधार पर सिविल लाइन थाने में विशाल वर्मा और उसके कार्यालय में तैनात कर्मचारी राहुल वर्मा निवासी प्रवेश विहार मेडिकल और राहुल वर्मा पुत्र महेश निवासी रिठानी परतापुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

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