Meerut: अब इंग्लैंड-अमेरिका भी चखेंगे कालानमक चावल का स्वाद

नेपाल, सिंगापुर, जर्मनी, दुबई आदि देशों को भी कालानमक चावल का निर्यात किया जा चुका है

Update: 2024-08-11 03:16 GMT

मेरठ: अब इंग्लैंड और अमेरिका भी कालानमक चावल का स्वाद चखेगा. करीब सात दशक बाद कालानमक चावल इंग्लैंड और पहली बार अमेरिका जाएगा. इसके पहले नेपाल, सिंगापुर, जर्मनी, दुबई आदि देशों को भी कालानमक चावल का निर्यात किया जा चुका है.

आजादी के पूर्व अंग्रेजों के फार्म हाउसेज में कालानमक धान की बड़े पैमाने पर खेती होती थी. जबसे योगी सरकार ने कालानमक धान को सिद्धार्थ नगर का एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) घोषित किया है, तबसे देश और दुनिया में स्वाद, सुगंध में बेमिसाल काला नमक धान के चावल का क्रेज लगातार बढ़ रहा है. योगी सरकार ने इसे सिद्धार्थनगर का गोरखपुर की संस्था पीआरडीएफ के चेयरमैन पदमश्री डा. आरसी चौधरी के अनुसार निर्यात का प्लेटफार्म बन चुका है.

इस प्रजाति की खूबियां: दुनिया का एक मात्र प्राकृतिक चावल जिसमें वीटा कैरोटिन के रूप में विटामिन ए उपलब्ध है. अन्य चावलों की तुलना में इसमें प्रोटीन और जिंक की मात्रा अधिक होती है. जिंक दिमाग के लिए और प्रोटीन हर उम्र में शरीर के विकास के लिए जरूरी होता है. इसका ग्लाईसेमिक इंडेक्स कम (49 से 52) होता है. इस तरह यह शुगर के रोगियों के लिए भी बाकी चावलों की अपेक्षा बेहतर है.

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