Meerut: नोएडा पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया

भवन में छापेमारी कर संचालक समेत 11 लोगों को गिरफ्तार

Update: 2024-12-02 08:02 GMT

मेरठ: अमेरिकी नागरिकों के कंप्यूटर सिस्टम में छेड़छाड़ कर तकनीकी सहायता देने के नाम पर ठगी करने वाले एक और फर्जी कॉल सेंटर का नोएडा पुलिस ने पर्दाफाश किया. सेक्टर-117 के एक भवन में छापेमारी कर संचालक समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि विभिन्न एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद टीम बनाकर सेक्टर-113 थाना क्षेत्र की पुलिस ने छापेमारी कर कॉल सेंटर से आरोपियों को दबोच लिया. इनमें सात युवक और चार युवती हैं. इनकी पहचान नितेश सिंह, एंड्रयू, लुईस, आकाश सिंह, ऋतिक, विवेक मित्तल, राहुल पासवान, संगीता, टियानारो, यूनिस और सिमरन कश्यप के रूप में हुई.

विवेक मित्तल फर्जी कॉल सेंटर का संचालक है. आरोपियों ने बताया कि वह अमेरिकी नागरिकों के कंप्यूटर लैपटॉप पर पॉपअप मैसेज भेजकर छेड़छाड़ करते थे और उनके बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर लेते. आरोपी विदेशी नागरिकों के सिस्टम में बग भेज देते. उसके बाद आरोपी उन्हें पॉपअप मैसेज भेज देते. विदेशी नागरिक तकनीकी सहायता के लिए मैसेज के लिंक में दिए नंबर पर कॉल करते. इसके बाद आरोपी आईवीआर कॉलिंग के जरिये विदेशी नागरिकों के साथ जुड़ जाते. विदेशी नागरिकों के सिस्टम का नियंत्रण हासिल कर लेते. पैसे के लिए बारकोड भेजकर रकम को बिट क्वाइन और क्रिप्टो करेंसी में ट्रांसफर करा लेते.

150 लोगों से ठगी की बात स्वीकारी पुलिस से पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि विदेशी नागरिकों का डाटा इन्हें डार्क वेब से मिलता है, जिसे खरीदा जा सकता है. फिलहाल अब तक ये लोग 150 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुके हैं. 25 दिनों से कॉल सेंटर चल रहा था.

पूर्व आईपीएस बताकर दलाली करने वाला दबोचा: खुद को 1979 बैच का सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी बताकर देशभर के अफसरों पर रौब झाड़ने वाले अनिल कटियाल और उसके साथी विनोद कपूर को साहिबाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. जांच में अनिल कटियार अंतरराष्ट्रीय दलाल निकला. एडिशनल सीपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-एक निवासी 69 वर्षीय फर्जी आईपीएस अधिकारी अनिल कटियाल और गुरुग्राम निवासी विनोद कपूर को गिरफ्तार किया गया. अनिल करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोप में दो बेटों के साथ दुबई की जेल में बंद राज साहनी उर्फ अबू साबा को भारत लाने के लिए दलाली में जुटा था.

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