Meerut: बिना बिल-वाउचर बेची जा रहीं दवा और गोलियां

गंभीर बीमारियों में दी जाने वाली महंगी दवाएं भी शामिल हैं.

Update: 2024-08-17 09:49 GMT

मेरठ: जिले में आसपास के जिलों से अवैध तरीके से दवा लाकर बेचने का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. बिना लिखी पढ़ी के होने वाले इस कारोबार से दवा व्यापारी भी परेशान हैं. उन्होंने कई बार इसके खिलाफ आवाज भी उठाई लेकिन इस पर लगाम नहीं लग पा रही. इसमें गंभीर बीमारियों में दी जाने वाली महंगी दवाएं भी शामिल हैं.

यह दवाएं बाजार में बगैर बिल-बाउचर के मौजूद हैं. खास बात यह है कि इन्हें कटिंग की दवाओं के नाम पर बेचा जा रहा है. स्टॉकिस्ट से लेकर अंतिम ग्राहक तक इन दवाओं की खरीद बिक्री में किसी भी बिल-बाउचर का प्रयोग नहीं होता है. बताया जा रहा है कि उत्तराखंड, हिमाचल और दिल्ली से होने वाले इस अवैध कारोबार से बड़ी संख्या में गांव देहात के स्टॉकिस्ट जुड़े हुए हैं. वह हर महीने लाखों का माल बाजार में खपा रहे हैं. इसका कोई लेखा जोखा नहीं होता है. इसमें नकली दवाएं भी शामिल हैं. कुछ छोटी दवा निर्माता कंपनियों के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) भी इस रैकेट का हिस्सा बन गए हैं. वह बगैर बिल-बाउचर के इन दवाओं को गांव के फुटकर दवा विक्रेताओं को मुहैया करा रहे हैं.

जिला मेरठ केमिस्टस एंड ड्रगिस्टस एसोसिएशन के महामंत्री रजनीश कौशल का कहना है कि जिले में बिना लाइसेंस, बिना फार्मासिस्ट और बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाई बेची जा रही है. उस पर भारी डिस्काउंट दिया जा रहा है. ऐसे मामलों की जांच होनी चाहिए. पिछले दिनों उन्होंने एडीएम सिटी से मिलकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

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