Meerut: युवक और युवतियों को फर्जीवाड़ा कर लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जा रहे

फर्जीवाड़ा कर बिना परीक्षा लर्निंग डीएल बना रहे सात गिरोह

Update: 2024-06-08 10:05 GMT

मेरठ: यूपी में 18 वर्ष की उम्र पार करने वाले युवक और युवतियों को फर्जीवाड़ा कर लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं. ऐसे लर्निंग डीएल बनाने वाले गिरोह के सात सदस्य यूपी के कई शहरों में सक्रिय हैं. इन्होंने परिवहन विभाग की ऑनलाइन आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था में सेंध लगा दिया है. जहां आवेदक को बगैर परीक्षा दिए टेस्ट पास कर लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर रहे हैं.

आवेदकों को परीक्षा में ट्रैफिक नियमों से जुड़े 15 सवालों के जवाब देने होते हैं. इनमें नौ के सही जवाब देने वाले ही पास होते हैं. मगर साइबर कैफे में सक्रिय गैंग के सदस्य खुद परीक्षा देकर पास हो रहे है. बदले में आवेदक से 500 से 2000 रुपये तक अतिरिक्त सुविधा शुल्क लेकर ड्राइवर बनने का लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जा रहा है. गैंग के सक्रिय सदस्य लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, जौनपुर, प्रयागराज और कौशांबी शहर के साइबर कैफे से जुड़े हैं.

वर्ष से सक्रिय गैंग: ऑनलाइन लर्निंग डीएल आवेदन व्यवस्था में सेंध लगाने वाले वर्ष से सक्रिय हैं. जहां आधार के पते पर लर्निंग डीएल के आवेदन प्रक्रिया के साफ्टवेयर में खामियों के चलते लगातार फर्जीवाड़े की शिकायतें मुख्यालय पहुंच रहीं. जहां आवेदकों से आधार और मोबाइल नंबर लेकर घंटे में लर्निंग डीएल जारी करने का दावा कर रहे हैं.

ऐसे कर रहे फर्जीवाड़ा: गैंग के सदस्य व्हाट्सएप नंबर पर आवेदक को आधार की नों तरफ की फोटो और खुद का नंबर भेजना होता है. आवेदन होते ही आवेदक के मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है. उसे दर्ज करने पर फार्म भर जाता है. बारा टेस्ट के लिए ओटीपी आता है. उसे दर्ज कर टेस्ट में पास हो जाते है. इस बीच कहीं भी आवेदक की जरूरत नहीं पड़ती है और लर्निंग डीएल बगैर परीक्षा दिए जारी हो जाता है.

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