Meerut: सहायक सबस्टेशन (एएसएस) से विद्युत आपूर्ति आरंभ हुआ

33 केवी की क्षमता पर रिसीविंग सब स्टेशन से जोड़ दिया गया

Update: 2024-10-19 11:15 GMT

मेरठ: मेरठ साउथ स्टेशन से आगे के ये स्टेशन आकार ले चुके हैं और अब इन स्टेशनों के सहायक सब-सटेशन (एएसएस) को 33 केवी की क्षमता पर रिसीविंग सब स्टेशन से जोड़ दिया गया है।

इन स्टेशनों में परतापुर और रिठानी मेट्रो स्टेशन हैं। जबकि शताब्दी नगर आरआरटीएस स्टेशन है। जहां नमो भारत की सुविधा यात्रियों को प्राप्त होगी। इन स्टेशनों के कोंकोर्स लेवेल पर एएसएस रूम बनाया गया है और उनमें विद्युत उपकरणों की स्थापन के साथ साथ उसकी टेस्टिंग आदि भी पूरी कर ली गयी है। अब इनके उर्जीकृत होने से स्टेशन में विद्युत आपूर्ति इन्हीं एएसएस से की जाएगी। इन स्टेशनों में विद्युत आपूर्ति के लिए मेरठ साउथ आरआरटीएस स्टेशन के एएसएस से 33 केवी क्षमता की केबल लाइन परतापुर, रिठानी और शताब्दी नगर स्टेशन तक वायडक्ट के माध्यम से पहुंचाई गई है।

आरआरटीएस और मेरठ मेट्रो के सभी स्टेशनों में विद्युत आपूर्ति के लिए एएसएस बनाए जा रहे हैं। जिनमें निर्धारित नजदीकी रिसीविंग सब स्टेशनों (आरएसएस) से विद्युत आपूर्ति की जाएगी। सम्पूर्ण दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर विद्युत आपूर्ति के लिए कुल पांच आरएसएस दिल्ली के सराय काले खां, ग़ाज़ियाबाद, मुरादनगर और मेरठ के शताब्दीनगर व मोदीपुरम में स्थापित किये जा रहे हैं।

जिनमें से गाजियाबाद, मुरादनगर और शताब्दीनगर आरएसएस बनकर तैयार हो चुके हैं। एनसीआरटीसी अपने सभी विद्युत सब स्टेशनों, आरआरटीएस स्टेशनों एवं डिपो में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, हरित क्षेत्र, एलईडी बल्ब, प्राकृतिक रोशनी और वातानुकूलक का प्रयोग भी सुनिश्चित कर रहा है।

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