Meerut: सरधना सीएचसी पर इलाज के अभाव में रेप पीड़िता के प्रसव में लापरवाही हुई
टीम ने डीएम को सौंपी रिपोर्ट
मेरठ: सरधना सीएचसी पर इलाज के अभाव में 14 साल की रेप पीड़िता के प्रसव के मामले में घोर लापरवाही हुई. यही कारण रहा रेप पीड़िता ने तड़प तड़पकर बेंच पर मृत बच्चे को जन्म दिया. एडीएम वित्त सूर्यकांत त्रिपाठी की अध्यक्षता वाली टीम ने डीएम दीपक मीणा को रिपोर्ट सौंप दी. रिपोर्ट में बताया गया है कि सीसीटीवी कैमरे ने साफ कर दिया है कि सरधना सीएचसी के डॉक्टर्स, कर्मचारियों ने लापरवाही और अमानवीयता की सारी हदें पार कर दीं. रेप पीड़िता किशोरी एक घंटे से भी ज्यादा समय तक तड़पती रही, लेकिन इसका दर्द न डॉक्टर को दिखा और न स्टाफ को. डीएम ने सीएमओ को तलब किया है.
को हुई घटना पर डीएम डीएम दीपक मीणा ने संज्ञान लेकर मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे. जांच टीम दिनभर सरधना में जांच के लिए जुटी रही. जांच में सामने आया कि रेप पीड़िता को न तो लेबर रूम में लेटाया गया और न ही उसे रेफर किया गया और बाहर बेंच पर ही वह बैठी रही. वह लेबर रूम में गई भी, लेकिन उसे बाहर बैठा दिया गया. यदि किशोरी लेबर रूम में होती तो यह दिक्कत नहीं होती और या उसे रेफर कर देना चाहिए था.
पड़ोसी ने किया था 14 साल की किशोरी से रेप किशोरी से दो बच्चों के पिता ने रेप किया था. उससे डरा धमकाकर रेप करता रहा और वह गर्भवती हो गई.
पेट दर्द की शिकायत पर कई बार डॉक्टरों को दिखाया गया, अल्ट्रासाउंड में पता चला कि किशोरी छह महीने की गर्भवती है. सरधना पुलिस ने रेप के आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
सीसीटीवी फुटेज खंगाले: तीन सदस्यीय जांच टीम ने सरधना जाकर हर पहलू पर गंभीरता से जांच की. एडीएम वित्त सूर्यकांत त्रिपाठी, एसीएम-4 रश्मि बरनवाल, एसीएमओ डॉ प्रवीण कुमार ने सरधना सीएचसी पर सीसीटीवी खंगाले तो पता चला कि रेप पीड़िता लेबर रूम में परिजनों के साथ गई थी. इसके बाद डॉक्टर, कर्मचारी ने देखा भी, लेकिन भर्ती नहीं किया. करीब एक घंटे तक किशोरी वहीं बैठी रही और बेंच पर ही डिलीवरी हो गई.