Meerut: टेढ़े दांतों पर तार की जगह डेंटल एलायनर लगेंगे
केजीएमयू प्रशासन ने इसके लिए नई मशीन खरीदने की अनुमति दी
मेरठ: बड़े या टेढ़े-मेढ़े दांतों में अब लोहे के तार की जगह पर डेंटल एलायनर लगाए जाएंगे. इनकी खासियत है कि ये सामान्य तरीके से सामने वाले व्यक्ति को दांतों के ऊपर लगे होने पर भी दिखाई नहीं देंगे. दांतों या मसूड़ों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. केजीएमयू में डेंटल एलायनर लगाने के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल चुकी है. केजीएमयू प्रशासन ने इसके लिए नई मशीन खरीदने की अनुमति दे दी है.
यूपी डेंटल शो में डेंटल एलायनर का कई कंपनियों ने प्रदर्शन किया. डेंटल शो के कोऑर्डिनेटर और केजीएमयू डेंटल विभाग के वरिष्ठ डॉ. रमेश भारती ने बताया कि छोटे बच्चों, दूसरे मरीजों को दांत बड़े होने पर तार लगाया जाता है. इनके टूटने, घिसकर मसूड़ों में चुभने आदि शिकायत रहती है. कभी-कभी तार टूटकर लगने से मसूड़ों से खून आने के साथ गंभीर घाव हो जाते हैं. इससे मरीज को परेशानी का सामना करना पड़ता है. अब नई तकनीकी का इस्तेमाल कर केजीएमयू में मरीजों को डेंटल एलायनर (दांतों का एलायमेंट सही करने वाला उपकरण) लगाने की दिशा में काम हो रहा है.
डॉ. रमेश ने बताया कि मरीजों को डेंटल एलायनर लगाने के लिए नई तकनीकी वाली डिजिटल इंट्रो ओरल स्कैनर मशीन खरीदने की प्रक्रिया चल रही है. केजीएमयू कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने मशीन खरीदने की अनुमति दे दी है. टेंडर प्रक्रिया की जा रही है. डेंटल एलायनर ट्रांसपैरेंट (पारदर्शी) होता है, जिसे दांतों पर ऊपर से फिट कर दिया जाता है. एलायनर को मरीज खुद भी दांतों पर फिट कर सकेगा. एलायनर लगाने के लिए बार ही मरीज से शुल्क लिया जाएगा. एलायनर मसूड़ों को कोई समस्या नहीं होगी.
बच्चों के लिए फ्लेवर्ड पेस्ट: डॉ. आशीष खरे ने बताया कि बच्चों के लिए चॉकलेट, बबलगम, मिंट आदि में फ्लेवर्ड टूथपेस्ट (मंजन) आए हैं. इन टूथपेस्ट में फ्लोराइड है, जो दांतों को सड़ने से रोकने में काफी मदद करेगा.
जबरन न उखाड़ें दांत: डेंटल शो के कोऑर्डिनेटर डॉ. रमेश भारती ने बताया कि कई डॉक्टर जल्दबाजी में थोड़ी समस्या होने पर मरीजों के दांत उखाड़ देते हैं. ऐसा करने से बचना चाहिए. दांत बचाने की कोशिश करनी चाहिए.