मेरठ न्यूज़: खेलो इंडिया योजना के तहत कैलाश प्रकाश स्टेडियम के हॉकी मैदान पर लगा एस्ट्रोटर्फ आखिर खिलाड़ियों को समर्पित हो गया। हॉकी खिलाड़ियों को चार साल बाद मिली इस सौगात से जहां उनके चेहरे पर खुशी नजर आई वहीं इसे मेरठ के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा हैं। इस अवसर पर सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि आगे भी खिलाड़ियों की जरूरतों को देखते हुए स्टेडियम में और सुविधाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। हॉकी खिलाड़ियों के लिए गुरुवार का दिन एक बड़ी सौगात लेकर आया। चार साल पहले खेलो इंडिया योजना के तहत स्टेडियम में हॉकी मैदान पर एस्ट्रोटर्फ बिछाया तो गया, लेकिन उसका प्रयोग नहीं हो पा रहा था। इसके पीछे कुछ तकनिकी खामियां थी जिन्हें दूर करते हुए यह मैदान खिलाड़ियों के लिए खोल दिया गया। एस्ट्रोटर्फ के लोकार्पण के अवसर पर सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे, जिलाधिकारी दीपक मीणा, मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, भाजपा महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल, आरएसओ योगेन्द्र पाल सिंह व स्टेडियम के कोच मौजूद रहे। हॉकी मैदान पर पहुंची कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे. ने बताया एस्ट्रोटर्फ चार साल पहले साढ़े पांच करोड़ की लागत से मैदान पर बिछाया गया था, लेकिन खेलों इंडिया योजना के दौरान खिलाड़ियों को मिलने वाली यह उपलब्धि खिलाड़ियों तक नहीं पहुंच रही थी। अब यह हॉकी खिलाड़ियों के लिए शुरू हो गया है जिसका लाभ खिलाड़ी उठा पाएंगे।
एस्ट्रोटर्फ की सौगात पाने वाला मेरठ पश्चिमी यूपी का दूसरा जिला बन गया हैं। इससे पहले रामपुर में एस्ट्रोटर्फ लग चुका है, हालांकि मेरठ में इसे चार साल पहले ही लगाया जा चुका था, लेकिन खिलाड़ियों को इसमें खेलने का अवसर नहीं मिल पाया था जो अब हो गया हैं। एस्ट्रोटर्फ पर खेलने से जहां खिलाड़ियों को अपने खेल में तेजी लानें का अवसर मिलेगा। बल्कि इससे खिलाड़ियों के चोटिल होने का खतरा भी कम हो गया है। वहीं जितनी भी राष्टÑीय स्तर की प्रतियोगिताएं होती है वह एस्ट्रोटर्फ पर ही खेली जाती हैं। लेकिन मेरठ के हॉकी खिलाड़ियों को इनमें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए खुद को तैयार करने में परेशानी हो रही थी।
खेल प्रतियोगिताओं के लिए खुले दरवाजे: कैलाश प्रकाश स्टेडियम के हॉकी मैदान पर एस्ट्रोटर्फ की शुरुआत होने के बाद अब यहां राष्टÑीय स्तर की प्रतियोगिताओं को आयाजित करनें के दरवाजे भी खुल गए है। अब यहां भी इन प्रतियोगिताओं को आयोजित किया जाएगा जिससे खिलाड़ियों को और अवसर मिलेंगे। वहीं स्टेडियम में प्रशिक्षण ले रहे एथलीटों ने सिंथेटिक टैÑक की मांग भी उठानी शुरू कर दी हैं।