Mathura: दो साधु वेशधारियों ने टोकने पर संतों और सेवादारों के साथ मारपीट की

वृंदावन में मलूक पीठ में साधु वेशधारी ने की चाकूबाजी

Update: 2024-06-07 09:26 GMT

मथुरा: वंशीवट स्थित मलूक पीठ सेवा संस्थान आश्रम में गत दिवस पीठाधीश्वर के कमरे में जबरन घुसने का प्रयास कर रहे दो साधु वेशधारियों ने टोकने पर संतों और सेवादारों के साथ मारपीट कर दी. चाकू मारकर एक साधु को घायल कर दिया. संस्थान ने आश्रम की सुरक्षा और घटना के सम्बन्ध में एसएसपी को शिकायत की. कोतवाली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

परिक्रमा मार्ग के किनारे वंशीवट क्षेत्र में प्राचीन मलूक पीठ है. आरोप है कि 19 को मलूक पीठ सेवा संस्थान के अध्यक्ष और पीठाधीश्वर आचार्य राजेंद्र दास को हानि पहुँचाने की कोशिश की गई. आश्रम के सेवादार राम चैतन्य दास की तहरीर पर को दर्ज की गई रिपोर्ट के अनुसार 19 की शाम दो संदिग्ध साधु वेशधारी बिना अनुमति के आश्रम के अंदर घुस आये और आचार्य राजेंद्र के कक्ष में घुसने की कोशिश करने लगे. जब इन दोनों को आश्रम के संतों, सेवादारों ने रोकने का प्रयास किया तो अभियुक्तों ने गाली-गलौज और मारपीट की. इनमें से एक ने चाकू निकालकर आश्रम के साधु को घायल कर दिया. मारपीट में अन्य साधु-संतों को भी चोट आई. घटना के बाद आश्रम के सेवादार ने एसएसपी शैलेश कुमार पाण्डेय को पत्र दिया, जिसमें एफआईआर दर्ज कराने के साथ आश्रम की सुरक्षा की मांग की. आश्रम के बाहर चौराहे पर शराबी, नशेड़ी व सट्टेबाजों के जमावड़े से राहत दिलाने की अपील की.

कमल कुंड में प्रदूषण से मर रहीं मछलियां: कमल पुष्पों के लिए विख्यात ग्राम पंचायत अड़ींग का कमल कुंड इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. इसमें कमल के फूल खिलने के साथ ही प्रदूषित जल से मछलियों मर रही हैं, जिसकी ओर किसी का ध्यान नहीं है.

अड़ींग स्थित कमल कुंड झील का विशाल स्वरूप अब अतिक्रमण का शिकार होकर बेहद सूक्ष्म हो गया है. ग्राम पंचायत एवं अन्य संस्थाओं ने इसे सजाने संवारने के लिए इसके चारों ओर पैदल पथ, पौधरोपण, घाट निर्माण आदि के सौंदर्यीकरण कार्य कराए हैं. इनसे कुंड के आस-पास तो स्थिति संवर गई, किंतु कुंड का पानी लगातार प्रदूषित हो रहा है. इसमें गांव की कई गंदी नालियों का पानी लंबे समय से बह रहा है. इससे लगातार मछलियों की मौत हो रही है. मृत मछलियां कुंड के किनारों पर तैरती दिखाई दे रही हैं. किसी ने भी अभी तक कुंड की सफाई कराने का प्रयास भी शुरु नहीं किया है. ग्रामीण भूरा पाल, दिलीप यादव, भूपेश त्रिपाठी, लखन सिंह आदि ने कुंड के पानी की सफाई कराने की मांग की है. कमल कुंड में नाम के अनुरूप ही कमल के फूल भी बड़ी तादात में खिलते हैं. इन फूलों से ब्रज के कई प्रमुख मंदिरों में सेवा पूजा भी की जाती है. इसके लिए यह कुंड क्षेत्र में प्रसिद्ध है.

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