Mathura: शहर के उत्तरी भाग में स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान की ओर जाने वाले हर मार्ग पर लोगों के सिर्फ सिर-सिर ही नजर आए। एक के पीछे एक श्रीकृष्ण के दीवानों का टोला मंदिर परिसर की ओर बढ़ता नजर आ रहा था। इस मौके पर शहर के प्रमुख मंदिरों में झांकी सजाई गई। इन झांकियों का आकर्षण देखते ही बनता था। राधा और कृष्ण की झांकियों ने सबका मन मोह लिया। कान्हा के 5251वें जन्म महोत्सव को अद्वितीय व भव्य बनाने के हर सम्भव प्रयास किये गये। इस अवसर पर मथुरा आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बहुत बड़े पैमाने पर इंताजामात किए गए हैं। मथुरा-वृन्दावन के घर-घर में लोगों ने उपवास रखकर लाला (श्रीकृष्ण) के जन्म की तैयारियां कीं। इन सबके बीच पुलिस प्रशासन ने सभी तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए। श्रीकृष्ण जन्मस्थान व उसके आसपास के क्षेत्रों सहित मथुरा की सड़कों व गलियों तक में चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। कन्हैया के भक्तों का उत्साह ऐसा था कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में प्रवेश करने के लिए देर रात से ही लोगों ने उत्तरी द्वार पर लग रही कतारों में अपनी जगह सुनिश्चित करना शुरू कर दिया था। श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में स्थित ठाकुर केशवदेव मंदिर, गर्भगृह मंदिर तथा भागवत भवन आदि को इस प्रकार से सजाया गया था कि जैसे द्वापरकालीन शौरसेन जनपद की राजधानी मधुपुरी एक बार फिर साकार हो उठी हो।