Mathura: सीआईबी की 6 सदस्यीय टीम पर करीब 855 किलोमीटर के रेल क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा
"अन्य दूसरे डिविजनों में दो या इससे अधिक टीमें काम करती हैं"
मथुरा: रेलवे की आगरा डिवजन के क्षेत्र में क्राइम इंटेलिजेंस ब्रांच (सीआईबी) की एक टीम से काम लिया जा रहा है. सीआईबी की 6 सदस्यीय टीम पर करीब 855 किलोमीटर के रेल क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा है. जबकि अन्य दूसरे डिविजनों में दो या इससे अधिक टीमें काम करती हैं.
ट्रेनों के माध्यम से होने वाली तस्करी, रेलवे सम्पत्ति की चोरी, यात्री सामान या पार्सल की चोरी जैसी घटनाओं की रोक थाम और उनकी रोकथाम के लिए जीआरपी और आरपीएफ के अलावा मंडल स्तरीय सीआईबी की टीम भी काम करती है. सीआईबी की टीम किसी भी आपराधिक घटना या रेलवे सम्पत्ति की चोरी के बाद उसे कारित करने वाले गिरोह या उसके सदस्यों की पतारसी सुराग रसी करने का काम करती है. सटीक जानकारी एकत्र करने के बाद सीआईबी की टीम इसकी जानकारी आरपीएफ और जीआरपी से साझा करती है. इसके बाद जीआरपी और आरपीएफ घटना को अंजाम देने वालों धर पकड़ कर वारदात का खुलासा करती है. आगरा डिविजन के क्षेत्र में रेलवे का करीब 855 किलो मीटर का क्षेत्र आता है. इतने लम्बे क्षेत्र में सीआईबी की मात्र एक टीम काम करती है, जिसमें आरपीएफ के एक निरीक्षक, एक उप निरीक्षक, दो दीवान और दो सिपाही तैनात है. इतने बड़े रेल क्षेत्र में 6 सदस्यीय एक टीम ऊंट के मूंह में जीरे के समान है.
अन्य रेल डिविजनों में काम करती है दो या इससे आधिक टीमें रेलवे सूत्रों की मानें तो आगरा डिविजन ही एक मात्र ऐसा डिविजन है जहां सीआईबी की मात्र एक टीम काम करती है. जबकि प्रयागराज, झांसी या अन्य डिविजनों में दो या इससे अधिक सीआईबी की टीमें काम करती है.
ट्रेनों के माध्यम से होती है गांजे और शराब की तस्करी बिहार और उड़ीसा की ओर से आने वाली ज्यादातर ट्रेनें आगरा डिविजन से होकर गुजरती हैं. उड़ीसा और बिहार से बड़ी मात्रा में गांजा तस्करी कर लाया जाता है. इसका खुलासा समय समय पर जीआरपी और आरपीएफ द्वारा गांजे की खेप को पकड़ कर किया जाता है. इसके साथ ही हरियाणा ब्रांड की तस्करी की शराब को आरपीएफ और जीआरपी द्वारा पकड़ा जाता है.