अयोध्या न्यूज: अयोध्या के धन्नीपुर गांव में जल्द ही मस्जिद का निर्माण शुरू हो सकता है। दरअसल, इस सप्ताह होने वाली अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) की बोर्ड बैठक में भूमि उपयोग में बदलाव के मुद्दे पर फैसला होने की संभावना है। इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) ट्रस्ट के एक प्रतिनिधि ने यह जानकारी दी। परियोजना को पहले अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने में देरी हुई, इसके बाद भूमि उपयोग के बदलाव में और देरी हुई। आईआईसीएफ ट्रस्ट की स्थापना धन्नीपुर प्रोजेक्ट के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (यूपीएससीडब्ल्यूबी) द्वारा की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने उस गांव में सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन दी थी। वक्फ बोर्ड ने आईआईसीएफ ट्रस्ट को 3,500 वर्ग मीटर में मस्जिद, चार मंजिला सुपर स्पेशलिटी चैरिटी अस्पताल और 24,150 वर्ग मीटर में एक सामुदायिक रसोई, 500 वर्ग मीटर में एक संग्रहालय और 2300 वर्ग मीटर में एक इंडो-इस्लामिक रिसर्च सेंटर के निर्माण के लिए जमीन सौंपी थी।
ट्रस्ट ने इस प्रोजेक्ट का नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी मौलवी अहमदुल्लाह शाह के नाम पर रखा है। यूपीएससीडब्ल्यूबी ने औपचारिक रूप से 26 जनवरी, 2021 को आवंटित पांच एकड़ भूमि पर धन्नीपुर परियोजना शुरू की थी। आईआईसीएफ ट्रस्ट ने अपने तैयार नक्शे को अयोध्या विकास प्राधिकरण से पास कराने के लिए मई 2021 में ऑनलाइन आवेदन किया था। आईआईसीएफ ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने कहा: हमें इस सप्ताह अच्छी खबर की उम्मीद है। भूमि उपयोग में परिवर्तन होते ही पांच एकड़ भूमि पर आईआईसीएफ ट्रस्ट द्वारा एक मस्जिद, एक अस्पताल, एक शोध संस्थान, एक सामुदायिक रसोई और एक पुस्तकालय का निर्माण किया जाएगा। भूमि उपयोग के परिवर्तन का मामला एडीए द्वारा उठाए जाने और इस सप्ताह अगली बोर्ड बैठक में हल किए जाने की उम्मीद है। एडीए के अध्यक्ष और अयोध्या के संभागीय आयुक्त गौरव दयाल ने कहा, बोर्ड की बैठक इस सप्ताह निर्धारित है और इसमें भूमि उपयोग परिवर्तन सहित कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।