जयंती पर याद किये गये शहीेदे आजम भगत सिंह

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Update: 2022-09-28 11:01 GMT
बस्ती। शहीदे आजम भगत सिंह को चित्रांश क्लब की ओर से उनकी जयंती पर याद किया गया। क्लब सदस्य बुधवार को जिलाध्यक्ष जी. रहमान के संयोजन में रोडवेज तिराहा स्थित भगत सिंह प्रतिमा स्थल पहुंचे और उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन् किया। चित्रांश क्लब पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि भगत सिंह को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों ने 23 साल की उम्र में फांसी पर लटका दिया था। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब प्रांत में हुआ था। ये हिस्सा अब बंटवारे के बाद पाकिस्तान में पड़ता है। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव तीनों स्वतंत्रता सेनानियों ने मिलकर ब्रिटिश शासकों की रातों की नींद उड़ा दी। भगत सिंह अपने साहस और देशभक्ति से भारत की आने वाली कई पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे।
क्लब संस्थापक राजेश चित्र गुप्त ने कहा कि भगत सिंह ने आजादी की लड़ाई के दौरान कई नारे भी दिए, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। भगत सिंह ने कहा था कि 'बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं होती। क्रांति की तलवार विचारों के पत्थर पर तेज होती है' नई पीढी को उनके विचारों से प्रेरणा लेने की जरूरत है। जयन्ती पर भगत सिंह को याद कर और उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने वालों में चित्रांश क्लब के दिनेश श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव, प्रभाकर मणि त्रिपाठी, अंकुर वर्मा, रामानन्द उर्फ नन्हे भैया, अजय कुमार श्रीवास्तव , अनिल कुमार पाण्डेय, मनमोहन श्रीवास्तव 'काजू' सिद्धार्थ श्रीवास्तव , अविनाश श्रीवास्तव , दुर्गेश त्रिपाठी, प्रकाश मोहन श्रीवास्तव, रणदीप माथुर ,सर्वेश श्रीवास्तव, अनिल श्रीवास्तव, डॉ कृष्ण कुमार प्रजापति ,मुजीब खान, अजीत श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
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