उत्तरप्रदेश | बिना नक्शा पास कराए घरों पर मोबाइल टावर लगाया तो एमडीए से नक्शा पास कराना होगा. शिकायत पर मेडा ऐसे भवनों प्लॉटों का नक्शा निरस्त कर सकता है. मेडा ने प्रदेश सरकार द्वारा बनाए बिल्डिंग बाईलॉज मैनुअल को स्वीकार करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है. मेडा में जमा 200 से ज्यादा नक्शों का नई प्रक्रिया से निस्तारण किया जाएगा.
प्रदेश में अब तक किसी मकान, प्लाट या भवन में मोबाइल टावर लगाने की विशेष नीति नहीं बनी थी. अब मेडा ने प्रदेश सरकार द्वारा तय किया गया बिल्डिंग बाइलॉज मैनुअल को स्वीकार कर लिया है. मेडा के टाउन प्लानर विजय सिंह ने बताया लोगों को अपने घरों, प्लॉट या भवन पर मोबाइल टावर लगाने को मेडा से नक्शा पास कराना होगा. राइट ऑफ वे पोर्टल के जरिए आवेदन किया जाता है. बिल्डिंग बाईलॉज के मुताबिक मोबाइल टावर लगाना अब व्यावसायिक गतिविधि के अंतर्गत आने लगा है, जिसके लिए सड़क की चौड़ाई भी कम से कम 12 मीटर होना जरूरी है.
नगर निगम से भी लेना होता है लाइसेंस
मेडा से मोबाइल टावर के लिए नक्शा पास कराना होगा. नगर निगम में लाइसेंस शुल्क जमाकर मोबाइल टावर का लाइसेंस लिया जाना अनिवार्य है. नगर निगम से लाइसेंस नहीं लेने पर नगर निगम अधिनियम के तहत सीलिंग की जा सकती है. नगर निगम कर निर्धारण अधिकारी राजेश सिंह ने बताया निगम में पूर्व से मोबाइल टावर का लाइसेंस शुल्क 50 हजार रुपये निर्धारित है. वहीं, मेडा में मोबाइल टावर संबधित 200 से ज्यादा नक्शों के मामले लंबित हैं. टाउन प्लानर विजय सिंह ने बताया मैनुअल स्वीकार कर लिया है. इसके तहत नक्शों का निस्तारण होगा.