सरधना: नगर में फायर स्टेशन की कमी लोगों को गहरे जख्म दे रही है। दशकों से यहां के लोग फायर स्टेशन की मांग कर रहे हैं। मगर कोई सुनने को तैयार नहीं है। शनिवार को थाने में लगी आग की सूचना के करीब आधे घंटे बाद फायर ब्रिगेड की महज एक गाड़ी मौके पर पहुंची,
जो नाकाफी थी। खूब इंतजार के बाद अन्य गाड़ी आग बुझाने पहुंची। मगर तब तक आग अपना कहर बरपा चुकी थी। यदि सरधना में फायर स्टेशन की स्थापना हो जाए तो इस तरह के होने वाले हादसों को समय रहते नियंत्रण में किया जा सकता है।
सरधना में यह भीषण अग्निकांड कोई पहली बार नहीं हुआ है। सरधना खद्दर उद्योग के लिए जानी जाती है। यहां बड़ी संख्या में पावरलूम फैक्ट्री लगी हुई हैं। अब डोना पत्तल फैक्ट्रियों की संख्या भी बढ़ गई है। सरधना के लोग कई दशक से यहां फायर स्टेशन की स्थापना कराने की मांग कर रहे हैं। क्योंकि आग लगने से उतना हादसा नहीं होता है, जितना देरी से मदद होने के कारण क्षति पहुंचती है।
दर्जनों पावरलूम इस अनदेखी के कारण आग का शिकार हो चुकी हैं। अलग अलग समय में दो मकानों में पटाखों के स्टाक से आग लग चुकी है। दर्जनों घटनाएं यहां भीषण आग लगने के कारण हो चुकी हैं। आग लगने से जनहानि और धन हानि होती है। मगर उससे कहीं ज्यादा नुकसान देरी से मदद मिलने के कारण होती है।
क्योंकि सरधना में आग बुझाने के लिए महज एक फायर ब्रिगेड लगी हुई है। बाकी गाड़ी मेरठ से मंगानी पड़ती हैं। जो सरधना आने तक एक घंटे से अधिक का समय लेती हैं। शनिवार को थाने में लगी आग के समय भी यही हुई। सूचना मिलने के बाद मेरठ से फायर ब्रिगेड की गाड़ी दौड़ पड़ी। तब तक नगर पालिका के टैंकर से काम चलाना पड़ा। जो भीषण आग के सामने नाकाफी थे।
करीब पौन घंटे बाद एक फायर बिग्रेड पहुंची। उससे आग काबू नहीं हुई। इसके बाद बाकी फायर ब्रिगेड मंगाई गई। लोगों का यही कहना था कि यदि समय रहते फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंचती तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता। इसलिए सरधना में फायर स्टेशन की स्थापना होना जरूरी है।