निवेश कर कर्ज में डूबा मैनेजर, साइबर सेल ने हॉन्गकॉन्ग के नंबर की जांच

Update: 2022-07-31 09:12 GMT

newscredit; amarujala

पीड़ित ने बताया कि साइबर सेल ने हॉन्गकॉन्ग के नंबर की जांच की तो पता चला कि वह ऐप के जरिये नंबर बदला गया था। असली मोबाइल नंबर धारक केरल निवासी है और शुरू में हस्तांतरित की गई रकम उसके खाते में गई है।

युवती की डीपी लगे हांगकांग के नंबर से व्हाट्सएप पर चैटिंग कर एक मैनेजर को साइबर ठगों ने ऐसे जाल में फंसाया कि वह पूरी तरह कर्ज में डूब गया। आरोपियों ने सोने में ऑनलाइन निवेश करने और मोबाइल एप के वॉलेट में रुपये डलवाकर 12 लाख रुपये ठग लिए।

वॉलेट में डालने के लिए रुपये पीड़ित ने बैंक से पांच लाख का पर्सनल लोन लिया और फिर दो लाख रुपये क्रेडिट कार्ड से ऋण लिया। पीड़ित का वेतन 40 हजार रुपये है जबकि उसे 85 हजार रुपये हर माह किस्त अदा करनी पड़ रही है। मामले में सूरजपुर कोतवाली में केस दर्ज किया गया है।

सूरजपुर निवासी पीड़ित मिथलेश ने बताया कि वह एक कंपनी में मैनेजर है। 15 मार्च को उनके मोबाइल पर हांगकांग के नंबर से व्हाट्सएप मैसेज आया। वह कुछ दिन तक चैटिंग होती रही और फिर ठग खुद को उसका मित्र बताने लगा। आरोपी ने ऑनलाइन गोल्ड ट्रेडिंग साइट पर निवेश का झांसा दिया, लेकिन मिथलेश ने इन्कार कर दिया। कुछ दिन बाद आरोपी ने मदद मांगते हुए पीड़ित से कहा कि वह साइट पर ऑनलाइन है लेकिन उसे किसी काम पर जाना पड़ रहा है।

अगर वह साइट से बाहर आएगा तो उसे लाखों का नुकसान हो सकता है। इस पर मिथलेश भेजे गए लिंक और साइट पर आरोपी के बताए अनुसार ऑपरेट करने के लिए तैयार हो गया। इस दौरान उसने देखा कि कुछ ही देर में आरोपी के वॉलेट में लाखों रुपयों की बढ़ोतरी हुई है। इससे लालच में आए मिथलेश ने भी निवेश करना शुरू कर दिया।

जाल में फंसाने को वॉलेट में 38 लाख दर्शाई रकम

मिथलेश ने बताया कि शुरुआत में निवेश करने पर लाभ हुआ तो पहले तीन हजार और फिर पांच हजार वॉलेट से बैंक खाते में ट्रांसफर किए। इसके बाद धीरे-धीरे कर लगभग पांच लाख रुपये निवेश कर दिए। वॉलेट में रकम बढ़कर 38 लाख हो गई, लेकिन वह इसे हस्तांतरित नहीं कर पाया। आरोपी 20 प्रतिशत ब्रोकर कमीशन अदा करने के बाद ही रकम निकलने का झांसा देने लगे। इस पर पीड़ित ने बैंक और क्रेडिट कार्ड से सात लाख रुपये लोन ले लिया।

केरल का निकला नंबर, बैंक खाता सीज

पीड़ित ने बताया कि साइबर सेल ने हॉन्गकॉन्ग के नंबर की जांच की तो पता चला कि वह ऐप के जरिये नंबर बदला गया था। असली मोबाइल नंबर धारक केरल निवासी है और शुरू में हस्तांतरित की गई रकम उसके खाते में गई है। इस वजह से वह उस खाते को सीज किया गया है। खाते में लगभग तीन लाख रुपये बताए गए हैं। एसीपी पीपी सिंह का कहना है कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया है। साइबर सेल आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।


Tags:    

Similar News

-->