Mainpuri: समयबद्ध तरीके से जनसुनवाई की समस्या का निराकरण करें: नेहा बंधु
किसी भी व्यक्ति को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशानी का सामना न करना पड़े: नेहा बंधु
मैनपुरी: मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु ने जन-सुनवाई प्रणाली पोर्टल आई.जी.आर.एस. के लंबित संदर्भों की विभागवार समीक्षा के दौरान उपस्थित अधिकारियों से कहा कि किसी भी स्तर से प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध, गुणवत्तापरक निराकरण प्रत्येक विभाग के अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी, इसमें किसी भी स्तर पर विलंब अक्षम्य होगा, संबंधित का उत्तरदायित्व निर्धारित कर प्रभावी कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक प्रत्येक कार्य दिवस में अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर जनता की शिकायतें सुन उनका प्रभावी निराकरण करें यदि कोई व्यक्ति दूसरे विभाग की समस्या लेकर आए तो उसे भी सुनें और उसे नियम बताएं ताकि उसे भटकना न पड़े। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशानी का सामना न करना पड़े, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र तत्काल जारी किए जाएं यदि इसमें कहीं भी विलंब हुआ तो दोषी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही होगी।
सी.डी.ओ. ने उप जिलाधिकारियों से कहा कि भूमि संबंधी विवादों पर पुलिस, राजस्व की संयुक्त टीम मौके पर जाकर समस्या का निदान करायें, निराकरण के उपरांत दोनों पक्षों के साथ दो गवाहों के भी हस्ताक्षर कराये जाएं, गवाहों के मोबाइल नंबर भी निस्तारण आख्या में लिखे जाएं। उन्होने कहा कि आई.जी.आर.एस. के माध्यम से प्राप्त कोई भी शिकायती प्रार्थना पत्र डिफॉल्टर की श्रेणी में न रहें, समय से प्राप्त शिकायतों का गुणवत्तापरक निराकरण किया जाए, जिला स्तरीय अधिकारी अधीनस्थों की निस्तारण आख्या को अवश्य पढ़ें, तद्ोपरांत शिकायतकर्ता से वार्ता करें, यदि शिकायतकर्ता निस्तारण से संतुष्ट हो तभी आख्या अपलोड की जाये।
उन्होने कहा कि सभी अधिकारी प्रतिदिन आई.जी.आर.एस. पोर्टल को स्वयं देखें, कम्प्यूटर ऑपरेटर के भरोसे न रहें, कोई भी शिकायत निर्धारित समयसीमा के उपरांत निस्तारण होने से शेष न रहें, सभी शिकायतों को डिफॉल्टर की श्रेणी में आने से पूर्व ही निस्तारित किया जाये, मॉग सम्बन्धी शिकायतों पर आख्या अंकित कर अपलोड की जायें, कोई भी शिकायत कार्यालय में अनिस्तारित न रखी जाये, प्रत्येक कार्यालय में आई.जी.आर.एस. पंजिका बनाई जाये और उसे अद्यावधिक रखा जाये, प्रत्येक शिकायत के अंकन के साथ कृत कार्यवाही का भी अंकन पंजिका में किया जाये।
मुख्य विकास अधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा कि शासन स्तर से बड़ी संख्या में असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त हो रहे हैं, अधिकारी इस ओर ध्यान दें, प्रत्येक शिकायत के निस्तारण की मॉनीटरिंग सीधे शासन स्तर से की जा रही है इसलिए जन-समस्याओं के निदान को लेकर सभी अधिकारी बेहद सतर्क रहें, अधिक संख्या में असंतुष्ट फीडबैक की दशा में सीधे शासन स्तर से ही कार्यवाही होगी।
उन्होने विभागवार समीक्षा के दौरान पाया कि जिला पंचायत राज अधिकारी के यहां 68 प्रतिशत, तहसीलदार भोगांव की 72 प्रतिशत, सहायक विकास अधिकारी पंचायत बेवर की 54 प्रतिशत, सहायक विकास अधिकारी पंचायत घिरोर की 48 प्रतिशत, बाल विकास परियोजना अधिकारी किशनी की 60 प्रतिशत, बाल विकास परियोजना अधिकारी बरनाहल की 87 प्रतिशत तथा अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका की 48 प्रतिशत शिकायतों पर शासन स्तर से असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त हुआ है जो चिन्तनीय है। समीक्षा के दौरान अपर जिलाधिकारी न्यायिक नवीन श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आर.सी. गुप्ता, उप जिलाधिकारी भोगांव, घिरोर, संध्या शर्मा, सुप्रिया गुप्ता, परियोजना निदेशक सत्येन्द्र कुमार, जिला विकास अधिकारी अजय कुमार, उपायुक्त एन.आर.एल.एम. शौकत अली सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।